फियो ने सरकार से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) 2020-21 के तहत दिसंबर 2020 तक और एसईआइएस सुविधा के तहत फाइलिंग की सुविधा खोलने का भी आग्रह किया। लुधियाना स्थित हैंड टूल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने कहा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में आर्डर बुक अच्छी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बावजूद दुनिया के बड़े बाजारों में उत्साहजनक मांग को देखते हुए निर्यातकों ने कारोबार बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) के प्रेसिडेंट एसके सराफ ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में कोरोना के कारण लगाए आंशिक या सम्पूर्ण प्रतिबंधों से मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात सेवा संबंधित गतिविधियों को छूट दी गई है। केंद्र सरकार ने भी वस्तुओं की अंतरराज्यीय आवाजाही की अनुमति भी दे रखी है।
सराफ के अनुसार, कोरोना के प्रकोप के कारण उद्योगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि उद्योगों में पूर्ण श्रम शक्ति के साथ काम नहीं हो पा रहा हैं। हमें उम्मीद है कि कोरोना की दूसरी लहर मई में दूसरे सप्ताह के बाद से कमजोर पड़ती जाएगी। इसका मतलब यह है कि उसके बाद स्थिति बेहतर होने की पूरी उम्मीद की जा सकती है। भारतीय उद्योग जगत को और खासतौर पर निर्यातकों को बड़े बाजारों से लगातार अच्छी मांग मिल रही है। इसे देखते हुए हमें निर्यात में बेहतर बढ़ोतरी की उम्मीद है।
सराफ का कहना था कि इस बार कई राज्यों में लॉकडाउन या शट डाउन की जो स्थिति है, निर्यातक उससे बेहतर तरीके से निपटना जानते हैं और उसके लिए तैयार भी हैं। इसकी वजह यह है कि वे इससे पहले भी इस तरह की चुनौतियों से गुजर चुके हैं। अपने ग्राहकों के साथ बातचीत कर उन्होंने माल डिलिवरी की अवधि बढ़ा दी है। यह सब आपसी विश्वास से हो रहा है।
फियो ने सरकार से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) 2020-21 के तहत दिसंबर 2020 तक और सर्विसेज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एसईआइएस) सुविधा के तहत फाइलिंग की सुविधा खोलने का भी आग्रह किया। लुधियाना स्थित हैंड टूल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने कहा कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में आर्डर बुक अच्छी है। कोरोना संकट के इस चुनौतीपूर्ण दौर में भी अमेरिका तथा यूरोप में मांग बढ़ रही है। वाणिज्य मंत्रालय के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में भारत का निर्यात बढ़कर 30.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि इस अवधि में व्यापार घाटा भी बढ़कर 15.24 अरब डॉलर हो गया।
इनसे भी मिल रही मदद
– कई राज्यों में लॉकडाउन से मैन्यूफैक्चरिंग और निर्यात सेवा संबंधित गतिविधियों को छूट है।
– केंद्र सरकार ने भी वस्तुओं की अंतरराज्यीय आवाजाही की अनुमति भी दे रखी है।
– विदेशी बाजारों में कोरोना से हालात इतने बुरे नहीं हैं, वहां से लगातार मांग आ रही है।
– निर्यातकों को पिछले वर्ष का अनुभव, इस बार संकट से उबरने के लिए उनकी तैयारी अच्छी है।