सोनू सूद ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को ऐसा कोई नियम बनाना चाहिए जिसके तहत उन बच्चों की स्कूल से कॉलेज तक की शिक्षा मुफ़्त की जा सके जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया है।
नई दिल्ली, कोरोना वायरस पैनडेमिक की त्रासदी में जिस बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने अपनी सोच और काम से सबसे अधिक प्रभावित किया है, वो हैं सोनू सूद। प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने से लेकर मौजूदा परिस्थितियों में लोगों को दवाइयां और ऑक्सीजन दिलवाने की कोशिशों तक, सोनू ने अपनी तत्परता से एक मिसाल कायम की है। अब उन्होंने कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए क़दम उठाने की पहल की है, जिसमें उन्हें प्रियंका चोपड़ा का साथ मिला है। प्रियंका ने सोनू के विज़न को सपोर्ट करते हुए राज्य और केंद्र सरकारों से इस पर गौर करने की अपील की।
प्रियंका ने सोमवार को ट्विटर पर सोनू के एक वीडियो को शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को ऐसा कोई नियम बनाना चाहिए, जिसके तहत उन बच्चों की स्कूल से कॉलेज तक की शिक्षा मुफ़्त की जा सके, जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया है। सोनू ने ऐसे परिवारों के लिए कोई सिस्टम बनाने की अपील की, जिन्होंने अपने परिवार के रोज़ी-रोटी कमाने वाले सदस्य को खोया है।
प्रियंका ने सोनू के इस वीडियो को एक नोट के साथ शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने साथी कलाकार के इस विज़न को लेकर अपनी बात रखी। इस नोट में प्रियंका ने लिखा- आपने कभी विज़नरी समाज सेवक के बारे में सुना है? मेरे साथी सोनू सूद वही हैं। वो आगे की सोचते हैं और उसे प्लान करते हैं। इस बारे में सावधानीपूर्वक सोचिए, क्योंकि इसका प्रभाव लम्बे समय तक रहने वाला है और इसमें बच्चे शामिल हैं। कोविड-19 की कई डरावनी कहानियों में यह उन बच्चों के बारे में हैं, जिन्होंने अपने दोनों या एक माता-पिता खो दिये हैं। इस वजह आयी बाधा की वजह से उनकी शिक्षा बंद हो सकती है।
प्रियंका ने आगे लिखा- मैं सोनू के इस आलोचनात्मक विश्लेषण से प्रभावित हूं। सोनू ख़ास अपने स्टाइल में इस समस्या के समाधान के साथ आये हैं, जिन पर अमल किया जाना चाहिए। सोनू के मशविरे के मुताबिक़, राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों को ऐसे बच्चों के लिए फ्री एजुकेशन करनी चाहिए। वो शिक्षा के जिस भी पड़ाव पर हों, वहां से उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल एजुकेशन तक। आर्थिक कारणों से यह रुकना नहीं चाहिए। प्रियंका ने अपने नोट में सक्षम लोगों से ऐसे बच्चों की शिक्षा का ज़िम्मा उठाने की भी गुज़ारिश की। अंत में प्रियंका ने सोनू की सलाह से इत्तेफ़ाक़ रखते हुए ख़ुद इस ओर काम करने की बात कही।
बता दें, कोरोना वायरस पैनडेमिक में सोनू सूद के काम की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है और विदेशी मीडिया ने इसको लेकर उनसे बातचीत की है। पिछले लॉकडाउन से सोनू लगातार इसमें सक्रिय हैं।