फाइनेंशियल प्लानिंग में भी किसी से कम नहीं होती माताएं, आप भी सीख सकते हैं ये बातें,

किसी भी घर में मां ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभाती है। वे आमदनी के हिसाब से घर का बजट बनाने का मुश्किल काम करती हैं और साथ ही बैलेंसिंग का काम भी काफी अच्छे तरीके से करती हैं।

 

नई दिल्ली, आपके जीवन में प्यार और त्याग का पर्याय कौन है या वह कौन है जो अपने परिवार की खुशी के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार हो। यह सवाल जितने भी लोगों से पूछा जाए, जवाब एक होगा- मां। हम सभी को जीवन में हर पड़ाव पर मां से ही सबसे ज्यादा प्यार और स्नेह मिलता है। इन सबके साथ मिलता है जीवन को बेहतर बनाने वाले अनमोल नुस्खे। ये नुस्खे आम तौर पर हमारे हेल्थ से जुड़े होते हैं, हमारे लाइफ-स्टाइल से। लेकिन इन सभी चीजों के साथ-साथ माएं हम सभी को महत्वपूर्ण वित्तीय सीख भी दे जाती हैं। मां द्वारा दी गई सीख से हमें अपने भविष्य और जीवन के लक्ष्य को संवारने और हासिल करने में मदद मिलती है।

मां से हमें ये चीजें सीखने को मिलती हैंः

बजट बनाना

किसी घर में मां ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभाती है। वह आमदनी के हिसाब से घर का बजट बनाने का मुश्किल काम करती हैं और साथ ही बैलेंसिंग का काम भी काफी अच्छे तरीके से करती है। वह यह सुनिश्चित करती है कि परिवार के हर सदस्य की जरूरत बिना किसी दिक्कत के पूरी हो।

लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के लिए यह कला बहुत काम आती है। बजट बनाने से आप पैसे-रुपये, बैलेंस इनकम और खर्च इत्यादि को बुद्धिमत्तापूर्वक मैनेज कर सकते हैं। इससे आपको वर्तमान जरूरतों की पूर्ति के साथ मुश्किल वक्त के लिए सेविंग करने में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही बजट बनाने से आपको अपने फाइनेंस को लेकर पूरा परिप्रेक्ष्य मिल जाता है और आप अपनी प्राथमिकताएं तय कर पाते हैं।

मुश्किल वक्त के लिए बचत

आपने देखा होगा कि आपके घर में जब पैसों की अचानक कोई जरूरत आ पड़ती है और कहीं से किसी तरह की मदद की उम्मीद नहीं दिखती है, तभी अचानक आपकी मां जरूरी रकम लाकर आप सभी को चौंका देती है। ऐसा कई बार होता है। आप सोचते होंगे कि मां हर बार यह कैसे कर लेती है।

इसकी वजह यह है कि मां स्वभाव से ही बचत करने वाली होती हैं। यह अद्भुत है कि वे किसी भी तरह कुछ रकम सेव कर लेती हैं। हालांकि, इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वह रकम कितनी छोटी है। यह आदत है जो मुश्किल हालात से परिवार को बचाने में कारगर सिद्ध होती है।

इसलिए, आप सभी को अपनी आमदनी का एक हिस्सा बचाने की कोशिश करना चाहिए। यह मैटर नहीं करता है कि वह रकम कितनी बड़ी है। वह रकम बढ़े, इसके लिए उसे इंवेस्ट कीजिए या इमरजेंसी फंड बनाइए। उदाहरण के लिए म्यूचुअल फंड में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIPs) से आपको अनुशासित तरीके से बचत करने और जीवन के लक्ष्य के लिए धन सृजन में मदद मिलती है।

मुश्किल वक्त में रखिए धीरज

जब आपके घर में किसी तरह की टेंशन होती हैं तो घर का एक ही सदस्य होता है जो बिल्कुल शांत दिखता है। वह होती है आपकी मां। बहुत कम मौकों पर ही आप मां को धीरज खोते हुए देखते हैं। फाइनेंस के मामले में भी धीरज बहुत अहम होता है। इससे आप छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव से परेशान नहीं होते हैं।

धैर्य रखने से आप आनन-फानन में किसी तरह का फैसला नहीं लेते हैं, जिनके लंबे समय में प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए जब कोविड-19 महामारी जैसे कारणों से शेयर बाजार में गिरावट आती है तो जो निवेशक पैनिक कर जाते हैं और अपने पैसे निकाल लेते हैं, उन्होंने वास्तव में घाटा होता है। इसके साथ ही जब बाजार में दोबारा तेजी आती है तो वे उस समय होने वाले फायदे का लाभ भी नहीं उठा पाते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित करने के बाद मार्च, 2020 में मार्केट में ऐसा ही चीज देखने को मिली थी। लेकिन बाद के महीनों में बाजार ने नई ऊंचाइयों को छुआ। इससे उन लोगों को फायदा मिला, जिन्होंने तूफान के शांत होने तक का इंतजार किया। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने धैर्य का परिचय दिया।

आज के समय में भी जब कोविड-19 महामारी की वजह से बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। धीरज रखने और मजबूत आधार वाले निवेश को होल्ड करना अनिवार्य है।

लचीला रुख अपनाना

पैसे के साथ लचीलापन अपनाने में माओं की कोई सानी नहीं होती है। हर समय एक जैसा नहीं होता है। जीवन में कई ऐसे मौके आते हैं जब वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी रास्ता निकाल लेती है।

उदाहरण के लिए अगर मां को दूसरे शहर में जाना पड़ता है तो वह नए शहर के अनुरूप लाइफस्टाइल को अपना लेती है। सबकुछ सुचारू ढंग से चले, इसके लिए लचीलता को अपनाना बहुत जरूरी है। इसी तरह आपको भी चीजों और परिस्थितियों को मैनेज करने के लिए लचीला रुख अपनाना चाहिए।

उदाहरण के लिए अगर वेतन में कटौती की वजह से आमदनी कम हो जाती है तो अपने गैर-जरूरी खर्चों को कम कर देना बहुत जरूरी होता है। ऐसे वक्त में बड़ी रकम की खरीदारी से बचना चाहिए और जरूरत पड़ने पर छुट्टियों पर जाने, कार खरीदने जैसे कार्यों को टाल देना चाहिए।

अपनी मां से मिली इन सीखों के आधार पर हम जीवन में संपत्ति को बढ़ा सकते हैं और किसी भी संकट से आसानी से पार पा सकते हैं।

ऐसे में इस मदर्स डे पर इन सीखों को अपनाने का संकल्प जताइए और वित्तीय आजादी की ओर अपनी यात्रा की शुरुआती कीजिए। हैप्पी मदर्स डे!

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