शिखर अस्पताल का पंजीकरण निलंबित, 72 घंटे में मांगा जवाब,

शहर के राजापुर में स्थित शिखर अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है।

लखीमपुर: शहर के राजापुर में स्थित शिखर अस्पताल का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन से अवैध वसूली मुद्दे पर 72 घंटे में जवाब मांगा गया है। मौजूदा समय में शिखर अस्पताल में कोरोना के करीब 16 मरीज भर्ती हैं। निर्देश है कि इन मरीजों का बेहतर इलाज अस्पताल प्रशासन को करना होगा।

यह अस्पताल उद्घाटन के बाद से ही चर्चा में आ गया था। कोरोना काल में जिला प्रशासन ने इस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में अधिकृत किया था लेकिन यहां अवैध वसूली और समुचित इलाज ना मिलने के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके कारण लोगों ने हंगामा किया। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले ही अस्पताल की जांच कर चुकी है। कोरोना में अस्पताल प्रशासन ने खूब मनमानी की।वायरल ऑडियो में अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से वसूली की शिकायत मिली थी।

 

जिसके बाद प्रशासन ने जांच कराई। एसडीएम सदर डॉ. अरुण सिंह, एसीएमओ डॉ. अश्विनी व वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद कुमार की टीम ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। रिपोर्ट में कई आरोप सही मिले। इस पर डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कार्रवाई की है। कुछ दिनों पहले इस अस्पताल में कोरोना से यहां दो भाइयों सहित कई की मौत हुई। इससे अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों ने हंगामा किया। लोगों ने प्रशासन से शिकायतें भी कीं। लोगों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। जिसके बाद टीम ने अस्पताल पहुंचकर जांच की और एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में शिकायतें सही मिलने के बाद डीएम के आदेश पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने अस्पताल पर कार्रवाई की है। सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण तुरंत निलंबित कर दिया। आदेश दिया कि अब कोई नया मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाएगा। जो मरीज भर्ती हैं उनके स्वस्थ होने तक इलाज करना होगा। इसके अलावा 72 घंटे के अन्दर अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण न देने पर विधिक कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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