पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यूवी रमन के भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच पद से हटने के बाद मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) और नीतू डेविड की अगुआई वाली चयन समिति बीसीसीआइ के निशाने पर आ गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यूवी रमन के भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच पद से हटने के बाद मदन लाल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) और नीतू डेविड की अगुआई वाली चयन समिति बीसीसीआइ के निशाने पर आ गई है। रमन की कोचिंग में भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों में से एक माना जाता है। मदन लाल, सुलक्षणा नाइक और पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह की सीएसी ने उनकी जगह इस जिम्मेदारी के लिए फिर से रमेश पोवार को चुना। पोवार को इस पद से 2018 में हटा दिया गया था।
मदन लाल की समिति पर लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबित आयोग्य होने के सवाल उठ रहे हैं। बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मादी पाजी (मदन लाल) ने इस साल 20 मार्च को अपना 70वां जन्मदिन मनाया था। बीसीसीआइ ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों में कुछ सुधारों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में 70 साल की आयु-सीमा को हटाने की मांग नहीं की है। ऐसे में मदन लाल को सीएसी की बैठक में बैठने की अनुमति कैसे दी गई?’
इसी तरह सीएसी की एक अन्य सदस्य सुलक्षणा नाइक मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संजय नाइक की छोटी बहन है। पोवार हाल ही में सैयद मुश्ताक अली टी-20 घरेलू टूर्नामेंट में मुंबई के कोच थे। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जिस तरह से आठ उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए गए उससे पता चलता है कि नाइक ने पहले ही मन बना लिया था कि महज एक खराब सीरीज के बाद रमन को कोच बरकारार नहीं रखना है। वह इस बात को भी जानती थी कि टीम चयन में उनकी कोई भूमिका नहीं है। टीम का चयन नाइक की पूर्व टीम साथी नीतू डेविड के अगुआई वाली समिति करती है।