कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस काफी देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि कोरोना की तरह क्या ब्लैक फंगस भी एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है।
लुधियाना, जिले में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस काफी देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि कोरोना की तरह क्या ब्लैक फंगस भी एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। ब्लैक फंग्स का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है और एक से दूसरे व्यक्ति तक नहीं फैलता। ये फंगस पहले से ही हमारे बीच हवा, मिट्टी, एसी, गंदगी वाली जगहों में मौजूद है। इस फंगस से उन लोगों को सतर्क रहना चाहिए, जिनकी इम्युनिटी काफी कमजोर है।
समय रहते पता लग जाए तो दवाओं से इलाज संभव
दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के इएनटी डिपार्टमेंट के हेड डा. मनीश मुंजाल कहते हैं कि ब्लैक फंगस के बीज हवा में उड़ रहे होते हैं, जो हमारे नाक में चले जाते हैं। हालांकि नाक में कई ऐसे सेल होते हैं, जो इसे नष्ट कर देते हैं। जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है, उनके नाक के सेल इन्हें नष्ट नहीं कर पाते और ये बाड़ी में प्रवेश कर जाते हैं। उनके अंदर यह जल्दी ग्रो कर जाते हैं। अब कोरोना के कारण मरीज की इम्युनिटी और कम हो जाती है तो ये फंगस हावी हो जाता है। ऐसे में उन लोगों को ज्यादा खतरा है जो शुगर का मरीज है, कोविड पेशेंट है और उसकी इम्युनिटी कम है। हालांकि अगर समय रहते इसका पता लग जाए तो एंटी फंगल दवाओं से इसका इलाज संभव है।
थोड़ी सी सावधानी ब्लैक फंगस से बचाएगी
– ब्लैक फंगस से बचाव के लिए जरूरी है कि अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें। इससे फंगस के बीज नाक में नहीं जाएंगे।
– कही भी किसी भी काम से बाहर निकलें तो शारीरिक दूरी बनाकर ही रखें।
– घर में लगे एसी-कूलर की सर्विस और सफाई का खास ध्यान रखें। समय समय पर फिल्टर साफ करवाएं।
– अगर घर में किसी कोरोना संक्रमित को आक्सीजन सिलेंडर लगा है तो थोड़े-थोड़े समय पर पाइप बदलते रहें।
– शुगर के मरीज समय-समय पर लेवल चेक करते हैं।
– कोरोना को मात दे चुके लोग भी समय-समय पर शुगर की जांच करते रहें। अगर वह स्टीरायड ले रहा था तो डाक्टर की सुपरविजन में स्टीरायड को रिडयूस करना चाहिए।
– सबसे अहम यह है कि खांसी, जुकाम व बुखार में सेल्फ मेडिकेशन न करें। दवा का मिक्सचर ब्लैक फंगस को ग्रो करने में मदद करती है।