बीस रुपये प्रति किलो के नीचे आया प्याज, अभी और कम होंगे भाव,

कोरोना कफ्यू का असर सब्जी फल और प्याज की बिक्री पर साफ नजर आ रहा है। प्याज की बिक्री काफी प्रभावित हुई है। प्याज थोक में 16 तो फुटकर में महज 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।

 

गोरखपुर,  बेहद सस्ता होने के बावजूद सब्जी, फल एवं प्याज की बिक्री में बड़ी गिरावट आई है। पहले महेवा मंडी में प्रतिदिन छह से सात ट्रक (एक ट्रक में 28 से 30 टन) प्याज की खपत होती थी जो अब घटकर तीन से चार ट्रक रह गई है। आसपास के छोटे कारोबारी भी मंडी में खरीदारी नहीं आ रहे हैं। बिक्री न होने से थोक कारोबारी परेशान हैं, उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।

थोक में 16 तो फुटकर में 20 रुपये किलो प्याज मिल रहा

प्रदेश में लगे कोरोना कफ्यू का असर सब्जी, फल और प्याज की बिक्री पर साफ नजर आ रहा है। बाजार बंद होने और बाहरी लोगों के शहर में न आने की वजह से सब्जी और फल की बिक्री में बड़ी की गिरावट आई है। आमतौर पर बेतियाहाता, शास्त्रीचौक और दीवानी कचहरी के पास सब्जी और फल के 300 से ज्यादा ठेले लगते थे और सुबह से लेकर देर शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन लोगों की आवाजाही न होने की वजह से बमुश्किल पचास ठेले ही नजर आते हैं।

दूसरी तरफ प्याज की बिक्री भी प्रभावित हुई है, जबकि थोक में 16 तो फुटकर में महज 20 रुपये किलो प्याज मिल रहा है। थोक कोराबारी मोहम्मद शम्स राइनी के मुताबिक जो फुटकर विक्रेता एक दिन में चार बोरा प्याज बेच देता था वह दो बोरा भी मुश्किल से बेच पा रहा है। होटल व रेस्टोरेंट बंद होने से भी प्याज की बिक्री पर असर पड़ा है। व्यापारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ मुनाफा बहुत कम हाे गया है तो दूसरी तरफ माल डंप होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है

थोकमंडी नहीं खुली तो बढ़ेगी महंगाई

साहबगंज मंडी के थोक व्यापारियों ने जिला प्रशासन से दुकानों को खोले जाने की गुहार लगाई है। किराना कमेटी व चेंबर आफ ट्रेडर्स ने कहा है कि थोक मंडी से पूरे शहर में सामानों की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में यदि फुटकर दुकानदारों को सही समय पर सामान नहीं मिलेगा तो आम जनता को भी उचित दर पर सामान उपलब्ध नहीं हो सकेगा, जिससे महंगाई और बढ़ेगी।

व्यापारियों का कहना है कि पिछले लगभग 25 दिनों से कोरोना कर्फ्यू लगा है। मंडी में कई थोक व्यवसायी हैं जो किराना, काजू ,गरी गोला, मूंगफली दाना, गल्ला, राशन, तेल, घी, पशु आहार, आटा, बिस्किट व नमकीन की पूरे शहर में आपूर्ति करते हैं। दुकानें बंद रहने से आपूर्ति प्रभावित हुई हैं और इसका खामियाजा महंगाई के रूप में आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इनमें से कई खाद्य पदार्थ अब खराब होने लगे हैं। जो बचे हैं वह भी खराब होने की स्थिति में हैं।

एक तरफ महेवा गल्ला मंडी को आदेश के तहत खोला जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी साहबगंज को खोलने के लिए अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। हमलोग अपनी दुकान बंद करके बैंक का ब्याज, बिजली बिल, कर्मचारियों को तनख्वाह, गोदाम व दुकान का किराया कब तक दे पाएंगे। हमारा माल खराब होगा तो हमारी पूंजी ही खत्म हो जाएगी। इस पर जिला प्रशासन को गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। – अनूप अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर आफ ट्रेडर्स।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार गोरखपुर आएंगे तो व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात कर अपनी समस्या उनके समक्ष रखेगा। किराना कमेटी जिलाधिकारी से मांग करता है कि खाद्य पदार्थ के सभी प्रकार की दुकानों को खोलने की अनुमति दें। साहबगंज व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक कर एक निर्धारित समय तय कर दें। ताकि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए हम अपनी दुकानें खाेल सकें। – उमेश मद्धेशिया, अध्यक्ष, गोरखपुर किराना कमेटी।

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