सेना की खुफिया इकाई ने अयोध्या में आक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले अवैध रूप से चल रहे समर्पण अस्पताल को सील कराने में निभाई थी मुख्य भूमिका। आगरा और कानपुर की यूनिट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह को भी पकड़वाया।
लखनऊ, देश की सुरक्षा में सेंध लगाने का नापाक मंसूबा पालने वालों को दबोचने वाली सेना की खुफिया इकाई इस आपदा के समय में एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही है। यह इकाई आपदा को अवसर बनाने में लगे जमाखोरों और मुनाफाखोरों को अपने जाल में फंसा रही है। ये जमाखोर आक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी कर रहे हैं।
दरअसल, सेना की खुफिया इकाई देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में अहम जिम्मेदारी निभाती है। आतंकी गतिविधियां इसके रडार पर रहती हैं। वहीं, पिछले दिनों जब आक्सीजन सिलिंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी बढ़ी तो इस इकाई को यह करने वालों को पकडऩे का भी टास्क दिया गया। अपने नेटवर्क से सेना की खुफिया इकाई ने जहां अयोध्या में आक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले अवैध रूप से चल रहे समर्पण अस्पताल को सील कराने में मुख्य भूमिका निभाई। वहीं, आगरा और कानपुर की यूनिट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह को भी पकड़वाया।
इसी तरह इस इकाई ने लखनऊ में 45 हजार रुपये में आक्सीजन सिलिंडर बेचने वाले एक गिरोह का भी राजफाश किया। यह गिरोह आसपास के जिलों से आक्सीजन सिलिंडर लाकर लखनऊ में जरूरतमंदों को महंगे दामों पर बेचता था। सेना की खुफिया इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश के दुश्मनों के साथ ही अब उन पर मानवता के दुश्मनों की निगरानी और उन्हें पकडऩे की जिम्मेदारी है। वह ऐसे गिरोह पर नजर रख रहे हैं, जिन्हें वे पुलिस के साथ मिलकर पकड़ेंगे।