सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यूपी को बीमारू प्रदेश बना दिया है। गांवों में हालात चिंतनीय है। जांच और दवा दोनों का अकाल है। वहां बुखार की सामान्य दवा तक उपलब्ध नहीं हो रही है।
लखनऊ ,, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यूपी को बीमारू प्रदेश बना दिया है। गांवों में हालात चिंतनीय है। जांच और दवा दोनों का अकाल है। वहां बुखार की सामान्य दवा तक उपलब्ध नहीं हो रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दुर्दशा है। अपने शासन काल के चार वर्षों में भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को बर्बाद करने के सिवाय कुछ नहीं किया। अगर प्रदेश सरकार सपा के समय की स्वास्थ्य व्यवस्था को ही बनाए रखती तो ये बुरे दिन देखने को नहीं मिलते।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान जारी कर कहा कि राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कोरोना संक्रमण, व्हाइट और ब्लैक फंगस का प्रकोप थम नहीं रहा है। आवश्यक दवाओं, इंजेक्शन और वैक्सीन का टोटा चल रहा है। मुख्यमंत्री की टीम-9 और टीम-11 का अता-पता नहीं है। खुद बिगड़ते हालात पर निगहबानी करके उन्हें सुधारने में समय देने के बजाय मुख्यमंत्री मैराथन दौरे पर हैं। इसका औचित्य क्या हो सकता है सिवाय सरकारी संसाधनों और समय के दुरुपयोग के। वह व्यवस्था में सुधार के लिए नहीं राजनीतिक रणनीति साधने के लिए दौरे कर रहे हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के लिए अब समय ही कितना बचा है। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि अब तक 35 लाख ही वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है तो दिवाली तक सबके टीकाकरण के दावों का क्या होगा। अब तो वैक्सीन की कमी की भी रिपोर्ट आने लगी है। बड़ी संख्या में नौजवान, बुजुर्ग अस्पतालों में जाते हैं और निराश लौट जाते हैं। पीएचसी केंद्रो की दुर्दशा देखकर भी यह सरकार अनदेखा कर रही है। कोविड सेंटरों में अगली तैयारी की दिशा में संसाधनों की कमी दूर करने के लिए क्या हो रहा है? राजधानी में ही जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी है, सरकार अपने अस्पतालों में ही उन्हें उपलब्ध नहीं करा पा रही है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी यह बात समझ लें कि जब उनकी सरकार ने कोई काम ही नहीं किया है तो उनके दौरों से पीड़ितों को कौन सुविधा मिल जाएगी? हां, उनके दौरो से संक्रमितों की सेवा में लगे चिकित्सकों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी हाजिरी में लग जाने से परेशान जरूर होना पड़ता है। जनता सब समझ चुकी है। भाजपा की चालों से अब लोग बहकने-भटकने वाले नहीं हैं। अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में उसे तनिक भी राजनीतिक स्वार्थ साधने वाला नहीं है।