कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़ी हो गई है।अब मायावती ने किसानों के साथ खड़े होने का मन बना लिया है।
लखनऊ, कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन के गति पकडऩे के साथ ही मंद पड़ी कृषि कानून को वापस लेने की मांग अब फिर से तेज होने लगी है। राष्ट्रीय लोकदल के 26 मई को होने वाले किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने की घोषणा के बाद बहुजन समाज पार्टी ने भी किसानों के साथ आने की घोषणा कर दी है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है। किसानों की कृषि कानून वापस लेने की मांग जब चरम पर थी, तब मायावती ने कोई घोषणा नहीं की थी। अब मायावती ने किसानों के साथ खड़े होने का मन बना लिया है।
बसपा की मुखिया मायावती ने मंगलवार को दो ट्वीट किया है। मायावती ने कहा है कि 26 मई को होने वाले किसानों के प्रदर्शन को हमारा पूरा समर्थन है। उन्होंने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश के किसान कोरोना के इस अति-विपदाकाल में भी लगातार आंदोलन कर रहा है। इस बड़े आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर पर कल यानी 26 मई को किसानों के देशव्यापी विरोध दिवस को बहुजन समाज पार्टी का समर्थन है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब तो इनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ हम किसानों के साथ खड़े हैं।
मायावती ने कहा कि देश के किसानों के प्रति केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का रवैया अभी तक अधिकतर टकराव का ही रहने से उत्पन्न बड़े गतिरोध के कारण खासकर दिल्ली के पड़ोसीे राज्यों में स्थिति काफी तनावपूर्ण है। इसको देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार को इन आंदोलन करने वाले किसानों से वार्ता करके व इनकी समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिए। बसपा पीएम नरेंद्र से इसकी अपील बार-बार करती है।