नौसेना प्रमुख बोले- युद्ध की बदलती प्रकृति के लिहाज से सेना के तीनों अंगों की एकजुटता बेहद जरूरी,

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह का कहना है कि मौजूदा वक्‍त में युद्ध की प्रकृति बदल रही है जिससे तमाम विपरित परिस्थितियों में थल जल वायु अंतरिक्ष और साइबर जैसे सभी क्षेत्रों की एकजुटता और भागीदारी अहम हो जाती है।

 

पुणे, पीटीआइ। चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि पहले की तुलना में मौजूदा वक्‍त में युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए तीनों सेनाओं की एकजुटता की जरूरत बेहद महत्वपूर्ण है। नौसेना प्रमुख ने पुणे के खडकवासला में शनिवार की सुबह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy, NDA) में अकादमी के 140वें पाठ्यक्रम के पासिंग आउट परेड को संबोधित किया।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि मौजूदा वक्‍त में युद्ध की प्रकृति बदल रही है जिससे तमाम विपरित परिस्थितियों में थल, जल, वायु, अंतरिक्ष और साइबर जैसे सभी क्षेत्रों की एकजुटता और भागीदारी अहम हो जाती है। इन परिस्थितियों को देखते हुए ही तीनों सेवाओं का एक साथ आना पहले की तुलना में अब ज्‍यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सैन्य मामलों के विभाग, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जैसे पद की शुरुआत के साथ ज्‍यादा महत्वपूर्ण रक्षा सुधार हुए हैं।

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि जल्द ही थियेटर कमान का गठन होगा। यह सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाला कमान है। तीनों सेवाओं की विशिष्ट भूमिका के लिहाज से प्रत्येक सेवा की परंपराएं, पहचान, वर्दी और तौर-तरीकों की उपयोगिता है लेकिन मौजूदा वक्‍त के जटिल युद्धक्षेत्र में तालमेल और प्रभावी कदम के लिए सैन्य बलों का एक साथ आना सर्वोपरि है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले 72 वर्षों से एनडीए एकजुटता का प्रतीक रहा है। इसका अस्तित्व एकजुटता के मौलिक मूल्यों पर आधारित है। यह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy, NDA) का आधारभूत सिद्धांत है। करमबीर सिंह ने कहा कि सभी कैडेट्स को याद रखना चाहिए कि भविष्य का युद्ध चाहे कितना भी विकसित क्यों न हो प्रभावी नेतृत्व के लिए व्यक्तिगत क्षमताएं बेहद मायने रखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *