लखनऊ के आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि गर्भवती को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। अन्य कार्य सामान्य दिनों की भांति कर सकते हैं।राशियों पर पड़ेगा प्रभावआचार्य आनंद दुबे ने बताया कि ग्रहण भले ही न दिखे लेकिन ब्रह्मांड में घटना का प्रभाव राशियों पर जरूर पड़ता है।
लखनऊ, मई उपछाया चंद्र ग्रहण के बाद अब 10 जून को सूर्य ग्रहण होगा। दोपहर 1:43 बजे से शाम 6:41 बजे तक रहने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसके चलते सूतक काल के साथ ही अन्य धार्मिक क्रियाकलापों पर न तो कोई प्रभाव पड़ेगा और न ही ग्रहणकाल में सामान्य कार्य बंद होंगे। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि जब ग्रहण दिखाई नहीं देता तो ग्रहण की मान्यताएं भी निरस्त हो जाती हैं।
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि गर्भवती को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। अन्य कार्य सामान्य दिनों की भांति कर सकते हैं।राशियों पर पड़ेगा प्रभावआचार्य आनंद दुबे ने बताया कि ग्रहण भले ही न दिखे लेकिन ब्रह्मांड में घटना का प्रभाव राशियों पर जरूर पड़ता है। ग्रहण काल में सूर्य देव की उपासना व दान से प्रभाव को कम किया जा सकता है।
किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा: मेष – धन लाभ की संभावना बढ़ेगी। वृष – नया कार्य न करेें, धन हानि का योग है। मिथुन – टूर करने से बचे, दुर्घटना की प्रबल संभावना है। कर्क – व्यापार या शेयर में पैसा लगाएंगे तो धन हानि संभव है। सिंह – आप कोई कार्य करेंगे आपको लाभ होगा और नौकरी में उन्नति हो सकती है। कन्या – राशि पर रोग व कष्ट का भय रहेगा,खुद को सुरक्षित रखें। तुला – चिंता बढ़ेगी और संतान को लेकर आपको कष्ट हो सकता है। वृश्चिक – सामान्य लाभ का प्रबल योग है। धनु – शादी शुदा के लिए जीवन साथी से कष्ट हो सकता है। मकर – रोग मुक्त हाेने के साथ चिंंताएं दूर होंगी। कुंभ – इस राशि वालों को धन अर्जित होने के साथ खर्च अधिक होगा। मीन – रुके कार्य पूरे होने का योग है।
इन सामान्य बातों का भी रखें ध्यान:
- जब ग्रहण शुरू हो रहा हों, तो उस समय से पहले ही स्नान करके साधना करनी चाहिए।
- मोक्ष के उपरांत स्नान करके दान करना चाहिए।
- सूर्यग्रहण काल में भगवान सूर्य की और चंद्रग्रहण चंद्रदेव की उपासना श्रेयस्कर मानी गई है।
- पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहणकाल में दूषित हों जाते हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए ।
- तेल, घी, दूध, पनीर, आचार, चटनी व मुरब्बा सहित अन्य खाद्य पदार्थ में तुलसी की पत्ती रखनी चाहिए।-ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श नही करना चाहिए।
- बुजुर्ग, रोगी, बालक एवं गर्भवती को जरूरी हो तो दवा देनी चाहिए।
- गर्भवती अपने घर को गेरू से गोठ सकती हैं।
- गर्भवती को पेट को भी गेरू से गोठना चाहिए।