18 वर्ष बाद ग्रीस पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके समकक्ष निकोस डेंडियास ने किया भव्‍य स्‍वागत,

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ग्रीस की राजधानी एथेंस पहुंच गए हैं। भारतीय विदेश मंत्री का स्‍वागत उनके समकक्ष निकोस डेंडियास ने किया। ग्रीस में वह द्विपक्षीय संबंधों के विव‍िध आयामों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ वह मंत्री स्‍तरीय बैठकों में हिस्‍सा लेंगे।

 

एथेंस, एजेंसी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ग्रीस की राजधानी एथेंस पहुंच गए हैं। भारतीय विदेश मंत्री का स्‍वागत उनके समकक्ष निकोस डेंडियास ने किया। ग्रीस में वह द्विपक्षीय संबंधों के विव‍िध आयामों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ वह मंत्री स्‍तरीय बैठकों में हिस्‍सा लेंगे। भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा काफी ऐतिहासिक है, क्‍यों कि 18 वर्ष बाद किसी विदेश मंत्री का यह ग्रीस दौरा है।

2003 के बाद यानी 18 वर्ष बाद भारत से विदेश मंत्री के स्‍तर पर ग्रीस की पहली यात्रा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री ग्रीस के साथ इटली की भी यात्रा करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि 25 और 26 जून को उनकी ग्रीस यात्रा द्विपक्षीय होगी। ग्रीस में अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्‍त वह अन्‍य कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2003 के बाद यानी 18 वर्ष बाद भारत से विदेश मंत्री के स्‍तर पर ग्रीस की पहली यात्रा है। ग्रीस के बाद विदेश मंत्री इटली जाएंगे। इटली में वह जी-20 मंत्रिस्‍तरीय बैठक में हिस्‍सा लेंगे। विदेश मंत्री स्‍तरीय और विकास मंत्री स्‍तरीय बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्‍व करेंगे।

दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्‍यों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध

बता दें कि दोनों देशों के बीच नियमित और उच्चमंत्रिस्तरीय आदान-प्रदान होते रहे हैं। उच्चस्तरीय यात्राओं की बात करें तो भारत के राष्ट्रपति ने 2007 में ग्रीस की यात्रा की थी, जो भारत की ओर से आखिरी राजकीय यात्रा थी। ग्रीक की ओर से ग्रीक प्रधानमंत्री 2008 में यहां आए और ग्रीक पीएम पापांद्रेयू ने 2010 में दिल्ली सतत विकास शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया। वर्ष 2017 में ग्रीस के विदेश मंत्री ने भारत की यात्रा की थी। दोनों देश लोकतंत्र, कानून और बहुलवाद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 530 मिलियन डॉलर है। कुछ भारतीय कंपनियों ने ग्रीस में बुनियादी ढांचे क्षेत्र, फार्मा और स्टील में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। भारत के आईटी और निर्माण जैसे क्षेत्रों में 10 ग्रीस कंपनियां मौजूद हैं।

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