लविप्रा का गठन 1974 में हुआ था उसके बाद से दुकानों की बोली लगाने का काम चला आ रहा है। करीब 47 साल से चली आ रही परंपरा में इस बार बदलाव किया गया है। उद्देश्य है कि 450 दुकानों को बेचने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
लखनऊ, लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में पहली बार छोटी दुकानों की नीलामी ऑनलाइन होगी। डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने पारदर्शिता और काेविड 19 की गाइड लाइन के पालन के दृष्टिगत यह आदेश दिया है। लविप्रा का गठन 1974 में हुआ था, उसके बाद से दुकानों की बोली लगाने का काम चला आ रहा है। करीब 47 साल से चली आ रही परंपरा में इस बार बदलाव किया गया है। उद्देश्य है कि 450 दुकानों को बेचने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। हालांकि इस प्रकिया को लेकर फाइनल टच देने का काम किया जा रहा है। वहीं आनलाइन नीलामी की तिथि अभी तय नहीं की गई है।
लविप्रा अभी तक सिर्फ भूखंडों की ई-नीलामी करता रहा है। पहली बार छोटी दुकानों को ई-नीलामी में शामिल करने जा रहा है। संपत्ति अधिकारी स्निग्धा चतुर्वेदी ने सभी योजनाओं में खाली पड़ी दुकानों का ब्योरा संकलित कर लिया है। अब डीएम एंव लविप्रा उपाध्यक्ष के आदेश का इंतजार है। 13 जुलाई को लविप्रा अपने छोटे व बड़े भूखंडों की नीलामी करने जा रहा है। कई सौ करोड़ के भूखंड इस बार लविप्रा बेचेगा। सीजी सिटी में वाणिज्यक भूखंडों की संख्या सबसे अधिक है। इसी तरह गोमती नगर विस्तार के भूखंडों की कीमत अन्य वाणिज्यक भूखंडाें की तुलना में ज्यादा है।
दुकानों की नीलामी में नहीं गूंजेगी दीपक की आवाज : दुकानों की नीलामी हो या फिर भूखंडों की नीलामी, बाबू दीपक को अधिकारी बुलवाते थे। क्योंकि दीपक नीलामी करवाने में जहां एक्सपर्ट हैं, वहीं अपनी तेज आवाज के लिए जाने जाते हैं। दीपक अपनी आवाज के बल पर खरीददारों के बीच जोश भरने का काम करते थे। उन्होंने पिछले कई दशक में कई सौ करोड़ की संपत्ति हंसी हंसी में बिकवाकर राजस्व बढ़ाने का काम किया।
- कहां कितनी दुकाने हैं खाली
- स्थान खाली दुकानें (करीब)
- गोमती नगर योजना 59
- कानपुर रोड योजना 57
- टिकैतराय योजना 08
- प्रियदर्शिनी योजना 83
- अलीगंज योजना 18
- विकासदीप (छितवापुर) 04
- जानकीपुरम विस्तार योजना 106
- सीजी सिटी योजना 102
- कबीर नगर देवपुर 14
- नोट : यह जानकारी लविप्रा द्वारा उपलब्ध कराई गई है।