खुदरा व थोक व्यापार को मिला MSME का दर्जा, बैंकों से प्राथमिकता के आधार पर मिल सकेगा सस्ता कर्ज,

गडकरी ने कहा कि खुदरा व थोक व्यापार अब तक एमएसएमई के दायरे से बाहर थे। नए बदलाव से अब इन्हें भी एमएसएमई की तरह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के तहत प्राथमिकता के आधार पर बैंकों से कर्ज मिल सकेगा।

 

नई दिल्ली । खुदरा और थोक व्यापारी भी अब एमएसएमई को मिलने वाले सभी लाभ ले सकेंगे। सरकार ने खुदरा व थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का दर्जा दे दिया है। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। काफी लंबे समय से खुदरा व थोक व्यापारी इस दर्जे की मांग कर रहे थे। एमएसएमई की परिभाषा में इस बदलाव से 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा।

गडकरी ने कहा कि खुदरा व थोक व्यापार अब तक एमएसएमई के दायरे से बाहर थे। नए बदलाव से अब इन्हें भी एमएसएमई की तरह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के तहत प्राथमिकता के आधार पर बैंकों से कर्ज मिल सकेगा। इसके तहत बैंक कृषि, एमएसएमई व कुछ अन्य निर्धारित सेक्टर को सस्ती दरों और प्राथमिकता के आधार पर कर्ज देते हैं। बैंकों को अपने कुल कर्ज में से एक हिस्सा इन सेक्टर के लिए रखना होता है।

एमएसएमई के दायरे में शामिल होने के बाद अब खुदरा व थोक व्यापारी उद्यम पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेंगे। एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत कारोबारी ही एमएसएमई से जुड़ी सरकारी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (राई) के सीईओ कुमार राजगोपालन के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों का सामना कर रहे रिटेलर्स को सरकार के इस फैसले बड़ी राहत मिलेगी।

रिटेलर्स कारोबार को पुनर्जीवित करने के लिए आसानी से कर्ज ले सकेंगे। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गारंटी मुक्त लोन से जुड़ी स्कीम में 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड देने की घोषणा की है। इसके तहत 30 सितंबर तक कर्ज लिया जा सकता है। अब खुदरा और थोक व्यापारी भी गारंटी मुक्त लोन स्कीम का फायदा उठा सकेंगे। एमएसएमई का दर्जा मिलने से खुदरा व थोक व्यापारी अब सरकारी पोर्टल जेम पर उत्पादों की बिक्री भी कर सकेंगे। उन्हें बिजनेस टु बिजनेस (बीटुबी) रूप में उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा।

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