महामारी में डिजिटल मार्केटप्लेस बना MSME का सहारा, लॉकडाउन में विक्रेताओं ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की ली खूब मदद,

लॉकडाउन के बाद फ्लिपकार्ट होलसेल ने छोटे कारोबारियों को विक्रेता के तौर पर अपने साथ जोड़ने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई हैं। इनमें आसान कर्ज उत्पादों की विस्तृत रेंज ऑर्डर वापस करने तथा सरल ऑर्डर ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं प्रमुख हैं।

 

नई दिल्ली । कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में डिजिटल मार्केटप्लेस छोटे और मझोले कारोबारियों यानी एमएसएमई की आमदनी बरकरार रखने का मंच बनकर उभरे हैं। सप्लाई चेन की चुनौतियों और नकदी की कमी से उपजे संकट का सामना करने में छोटे कारोबारियों को डिजिटल मार्केटप्लेस ने नई राह दिखाई है।

लॉकडाउन के बाद फ्लिपकार्ट होलसेल ने छोटे कारोबारियों को विक्रेता के तौर पर अपने साथ जोड़ने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई हैं। इनमें आसान कर्ज, उत्पादों की विस्तृत रेंज, ऑर्डर वापस करने तथा सरल ऑर्डर ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं प्रमुख हैं।

फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक लॉकडाउन में लगी पाबंदियों की वजह से छोटे खुदरा कारोबारियों की आमदनी में 40 फीसद तक की कमी आई है। ई-कॉमर्स कंपनियों की इस मुहिम ने उनके विक्रेताओं की संख्या को तेज रफ्तार से बढ़ाया है।

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) निवासी कई सरकारी विभागों में काम कर चुकीं सपना को डिजिटल मार्केटप्लेस से जुड़ने के बाद काफी सहूलियत मिल रही है। उन्होंने फैशन कारोबार शुरू कर आसपास की कई महिलाओं को रोजगार दिया।

फ्लिपकार्ट होलसेल के डिजिटल बी2बी मार्केटप्लेस के साथ जुड़ने पर अपने अनुभव को साझा करते हुए सपना कहती हैं कि फैशन व्यवसाय में गुणवत्ता और कीमत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुझे खुशी है कि सभी उच्च गुणवत्ता वाले सामान उचित मूल्य पर मिल जाते हैं।

एसेंचर की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटलीकरण समग्र रिटेल इकोसिस्टम के लिए फायदे का सौदा है और इससे कारोबार कठिन समय में भी टिके रह सकेंगे। इसी तरह केपीएमजी की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन ने ग्राहकों के व्यवहार को भी तेजी से बदला है। अब 50-75 वर्ष आयुवर्ग के ग्राहक भी ऑनलाइन शॉ¨पग कर रहे हैं। यह वर्ग पहले डिजिटल मार्केटप्लेस से दूर रहता था।

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