उत्तरप्रदेश के शामली से दो आतंकियों को एनआइए की टीम ने गिरफ्तार किया है। उन्हें लखनऊ से पटना लाया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच उनकी आइजीआइएमस में जांच कराई गई। एटीएस की टीम उनसे पूछताछ कर रही है।
पटना,,, दरभंगा ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किए गए दो और आतंकियों सलीम और कफील को लेकर एनआइए (NIA) की टीम यूपी से पटना पहुंची। लखनऊ से सुबह साढ़े दस की फ्लाइट से दोनों कड़ी सुरक्षा में पटना एयरपोर्ट लाए गए। यहां से दोनों को एटीएस ऑफिस ले जाया गया। फिर आइजीआइएमएस (IGIMS) में दोनों की मेडिकल जांच कराने के बाद वापस एटीएस ऑफिस (ATS Office) ले जाया गया। शुक्रवार को इस मामले में दो आतंकियों इमरान मलिक और नासिर खान को हैदराबाद से पटना लाया गया था।
हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए थे दोनों भाई
बता दें कि दरभंगा जंक्शन पर पार्सल ब्लास्ट मामले में एनआइए की टीम ने इन्हें दबोचा है। हैदराबाद स्थित न्यू मेलापल्ली इलाके में इमरान खान और नासिर के घर से आइईडी बम बनाने के तरीके समेत कई अन्य तरह कागजात बरामद किए गए थे। इन दानों के तार लश्कर से जुड़े हैं। लश्कर का आतंकी लीम और इकबाल काना का कनेक्शन हाफिज सईद से है। एनआइए और एटीएस की टीम मामले की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इमरान और नासिर दिखावे के लिए कपड़े का कारोबार करते थे। इनके ठिकाने से एनआइए ने वह केमिकल बरामद किया है, जो दरभंगा ब्लास्ट में इस्तमाल किए गए थे। केमिकल की जांच कराई जा रही है।
यूपी के शामली से गिरफ्तार किए गए सलीम और कफील
बम धमाके मामले में एनआइए ने यूपी के शामली से लश्कर के अन्य दो आतंकी सलीम अहमद और कफील से एटीएस के अधिकारियों ने घंटे भर पूछताछ की। सूत्रों की माने तो एनआइए कोर्ट में दोनों को सात की रिमांड पर लेने की अर्जी दे सकती है। इसके पूर्व इमरान मलिक और मोहम्मद नासिर को कोर्ट ने आतंकियों को सात की रिमांड पर भेजा है। पार्सल ब्लास्ट मामले में अब तक चार आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दरभंगा जंक्शन पर 17 जून को हुआ था ब्लास्ट
गत 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल में विस्फोट हुआ था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की जांच में इसमें हैदराबाद निवासी दो भाइयों का हाथ होने का पता चला था। जिसके बाद हैदराबाद से सगे भाई इमरान मलिक और नासिर मलिक को गिरफ्तार किया था। उधर इस मामले में शामली के कैराना निवासी दो अन्य लोगों की भूमिका सामने आने के बाद शुक्रवार को शामली से सलीम अहमद और कफील को भी धर दबोचा गया। आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लगातार संपर्क में थे। पाकिस्तानी हैंडलर वाट्सएप के जरिए उन्हें निर्देश देते थे। विस्फोट मामले में कुछ और संदिग्ध सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर हैं। इस मामले में आने वाले समय में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।