देश में मॉडर्ना वैक्सीन की पहली खेप इस हफ्ते भारत पहुंच सकता है। सभी वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा शुरू की गई वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम कोवैक्स हिस्सा हैं और इसी के तहत भारत को मॉडर्ना वैक्सीन देने की तैयारी हो रही है।
नई दिल्ली, रायटर। कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिका की मॉडर्ना की वैक्सीन अगले कुछ दिनों में भारत पहुंच सकती है। समाचार एजेंसी रायटर ने इसकी जानकारी दी है। समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, मॉडर्ना की वैक्सीन इस हफ्ते भारत आ सकती है। इसको लेकर और भी जानकारी साझा की गई है। जानकारी के मुताबिक, मॉडर्ना की वैक्सीन 15 जुलाई तक देश के कुछ बड़े सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएगी। मॉडर्ना की वैक्सीन की पहली खेप में टीके के कितने डोज आएंगे, इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल सकी है। कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी के बाद मॉडर्ना की वैक्सीन भारत में उपलब्ध होने वाली चौथी कोरोना वैक्सीन है।
भारत में मिली मंजूरी
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने मुंबई की दवा कंपनी सिप्ला को आपात उपयोग के लिए मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन के आयात की अनुमति दे दी है। कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक के बाद मॉडर्ना की वैक्सीन भारत में उपलब्ध होने वाली कोरोना की चौथी वैक्सीन होगी। डीसीजीआइ ने ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट,1940 के तहत नई औषधि एवं क्लिनिकल परीक्षण नियम, 2019 के प्रविधानों के मुताबिक सिपला को देश में सीमित आपात उपयोग के लिए माडर्ना के टीका का आयात करने की अनुमति दी है।
भारत में मॉडर्ना वैक्सीन का ट्रायल नहीं
दरअसल, अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन की सूची में शामिल है।डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन की सूची में शामिल होने की वजह से मॉडर्ना वैक्सीन का भारत में ब्रिजिंग ट्रायल नहीं होगा।
डेल्टा वैरिएंट समेत कई वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी
मॉडर्ना की वैक्सीन के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर होने की भी खबर आई है। अमेरिकी फॉर्मा कंपनी मॉडर्ना ने बताया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन ने कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ लैब टेस्ट में प्रभावी नतीजे दिए हैं। मॉडर्ना ने बताया कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के इस लैब टेस्ट में भारत में पहली बार पाया गया अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट भी शामिल हैं।