नेपाल में 16 जुलाई से मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके चलते भारत सहित दूसरे मुल्कों से नेपाल में गए मोबाइलों का आईएमईआई नंबर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा। इस नियम से भारत से गए भारी संख्या में मोबाइल भी खिलौना हो जाएंगे।
काठमांडू , एजेंसी। भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में 16 जुलाई से मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके चलते भारत सहित दूसरे मुल्कों से नेपाल में गए मोबाइलों का आईएमईआई नंबर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा। इस नियम का यह असर होगा कि जो भी मोबाइल रजिस्टर्ड नहीं होगा, वह अपने आप ब्लॉक हो जाएगा। इसका असर नेपाल सीमा से सटे भारतीय मोबाइल बाजार पर भी पड़ेगा। इस नियम के मुताबिक भारत से गए भारी संख्या में मोबाइल भी खिलौना हो जाएंगे।
उधर, नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण के सहायक प्रवक्ता अच्युतानंद मिश्र ने बताया कि इस नियम को लागू करने का मकसद राजस्व वृद्धि के साथ अपराधों पर नियंत्रण लगाना है। इस नियम से मोबाइल चोरी की घटना रुकेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक भारत या अन्य देशों से जो लोग मोबाइल नेपाल लाए हैं, वे 15 जुलाई तक दूरसंचार विभाग में अपने मोबाइल का जरूर रजिस्ट्रेशन करा लें। ऐसा नहीं करने पर 16 जुलाई से उन मोबाइलों में नेपाली सिमकार्ड का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। बता दें कि नेपाली नागरिक सबसे ज्यादा भारतीय सीमा से मोबाइल खरीदते हैं। यहां अपेक्षाकृत कम दर में बेहतर मोबाइल सेट मिलते हैं। लेकिन अब नए नियम के कारण नेपाल जाने वाले मोबाइल सेट पर भारी टैक्स लगेगा, जिससे नेपाली भारतीय बाजारों से मोबाइल खरीदने में संकोच करेंगे। सीमाई बाजारों में मोबाइल का कारोबार चरमरा जाएगा।
इस नियम के लागू होने के बाद नेपाली सिम लगाने पर भारतीयों के मोबाइल नेपाल में नहीं चलेंगे। बता दें कि नेपाल में रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। भारत से भी बहुत से लोग नेपाल घूमने जाते हैं। इस नए नियम से भारतीय पर्यटकों को असुविधा होगी। नेपाल यात्रा के समय लोग नेपाली सिम का प्रयोग करते हैं, जिससे सस्ते में सस्ते दर पर बात होती है। नए नियम से ऐसा नहीं हो सकेगा।