दक्षिणी चीन सागर में एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन की सेना ने कहा है कि एक अमेरिकी युद्धपोत पैरासेल द्वीप समूह के पास अवैध रूप से चीनी जल क्षेत्र में घुस आया था। हालांकि चीन की नौसेना ने दूर खदेड़ दिया।
बीजिंग, एजेंसी। दक्षिणी चीन सागर में एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन की सेना ने कहा है कि सोमवार को एक अमेरिकी युद्धपोत पैरासेल द्वीप समूह के पास अवैध रूप से चीनी जल क्षेत्र में घुस आया था। हालांकि, चीन की नौसेना ने दूर खदेड़ दिया। बता दें कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय अदालत की एक फैसले की बरसी के दिन सामने आई है। इसमें कहा गया था कि बीजिंग का दक्षिण चीन सागर में कोई दावा नहीं बनता है।
यूएसएस बेनफोल्ड ने चीन की अनुमति नहीं ली
चीन की नौसेना ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के दक्षिणी थिएटर कमांड ने कहा कि यूएसएस बेनफोल्ड ने चीन की अनुमति के बिना उसके जल क्षेत्र में प्रवेश किया है। अमेरिकी नौसेना का यह कदम चीनी संप्रभुता का उल्लंघन है। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस कदम का असर दक्षिण चीन सागर की स्थिरता पर पड़ेगा। पीएलए ने कहा कि हम अमेरिका से इस तरह की भड़काऊ कार्रवाई को तुरंत रोकने का आग्रह करते हैं। बता दें कि हेग में स्थाई पंचाट न्यायालय ने 12 जुलाई, 2016 को फैसला सुनाया था कि दक्षिणी चीन सागर पर चीन का कोई ऐतिहासिक दावा नहीं है, जबकि चीन ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के इस फैसले की अनदेखी का निर्णय लिया था।
पैरासेल द्वीपों पर चीन का दावा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
- अमेरिकी नौसेना ने कहा कि अमेरिका ने अपने ऑपरेशन के जरिए बताया कि यह जलक्षेत्र चीन के दावे से परे है। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि समुद्री कन्वेंशन में निर्धारित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, सभी देशों के जहाजों, उनके युद्धपोतों को इस जलीय मार्ग से गुजरने का अधिकार है। पैरासेल द्वीपों पर चीन का दावा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
- यूएस नौसेना ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उसके युद्धपोत को पैरासेल द्वीप समूह के आसपास के क्षेत्र में दौरा करने का हक है। दरअसल, पैरासेल द्वीपों पर चीन, ताइवान और वियतनाम दावा करते हैं। इन द्वीपों से सैन्य पोत के गुजरने के लिए पहले या तो अनुमति लेने या फिर इसकी सूचना देने की जरूरत होती है।
- उधर, पैरासेल द्वीपों को लेकर अमेरिका ने चीन, ताइवान और वियतनाम के प्रतिबंधों को चुनौती दी है। अमेरिका की इच्छा है कि पूर्व सूचना दिए बिना या किसी दावेदार से अनुमति मांगे बिना उसे इस रास्ते से गुजरने की इजाजत हो। इस क्षेत्र में अन्य द्वीप समूहों पर भी ब्रुनेई, चीन, मलेशिया और फिलीपींस दावा करते हैं, जो रीफ और अन्य समुद्री संसाधनों से समृद्ध हैं। चीन अपनी कथित नौ-डैश लाइन या अधिकांश क्षेत्रों के भीतरी संसाधनों पर दावा करता है।