कानपुर में अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर का संचालन करने वाला गिरोह मोबाइल में वायरस भेजकर शिकार बनाता था । अमेरिका के 12 हजार लोगों को फंसाकर लाखों डालर की ठगी की है गिरोह का मास्टर माइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
कानपुर, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम के हाथ बड़ी सफलता लगी है। शहर में बैठकर अमेरिका के 12 हजार लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले शातिर ठग गिरोह का पर्दाफाश करके पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना मोबाइल हैकिंग में परंगत साॅफ्टवेयर इंजीनियर है। पुलिस ने गिरोह के कॉलसेंटर पर छापा मारकर कई तरह के मोबाइल, कंप्यूटर हार्डडिस्क समेत एटीएम कार्ड आदि बरामद किया है और अब दूसरे शहरों में गिरोह से जुड़े ठगों का पता करने का प्रयास कर रही है। गिरोह मोबाइल में वायरस भेजकर उसे ठीक करने के नाम पर चूना लगाते थे।
कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार को काकादेव में करीब एक साल से संचालित अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर में छापा मारकर चार शातिर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी कॉल सेंटर के जरिये अमेरिका में बैठे लोगों का मोबाइल हैक करके डॉलर में ठगी कर रहे थे। पुलिस पुणे यूनीवर्सिटी से साॅफ्टवेयर इंजीनियर नोएडा निवासी मुनेंद्र शर्मा अपने चार साथियों फिरोजाबाद निवासी संजीव, प्रतापगढ़ निवासी जिकुरल्ला और बिहार निवासी सूरज सुमन को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 27 हार्ड डिस्क, अलग-अलग बैंकों के 6 एटीएम कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पांच मोबाइल फोन, अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक का डेबिट कार्ड, दो पैन कार्ड, होटल ताज का मेंबरशिप कार्ड बरामद किया है।
कानपुर के काकादेव में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में किस तरह अमेरिका में बैठे लोगों को चूना लगाया जा रहा था, इसका अंदाजा भी कोई नहीं लगा सकता था। पुणे यूनीवर्सिटी से साॅफ्टवेयर इंजीनियर नोएडा निवासी मुनेंद्र शर्मा मुनेंद्र फजलगंज तो सूरज शारदा नगर में रहता था। इन दोनों के अलावा संजीव और जिकुरल्ला का ही काल सेंटर में आना जाना था। दो शातिर मोबाइल पर कॉल रिसीव करने का काम करते थे, जबकि बाकी दो सदस्य कॉलर का मोबाइल हैक कर लेते थे। इस तरह चारों कॉल सेंटर के नाम पर अमेरिका में बैठे लोगों से ठगी कर रहे थे।
गिरोह पहले वायरस भेजता था फिर उसे ठीक करने के नाम पर मोबाइल हैक करके ठगी करता था। इन चारों ने अबतक 12 हजार अमेरिकन को 12 लाख डालर यानि भारतीय करंसी करीब 8-9 करोड़ रुपये का चूना लगाया। औसतन एक माह में इस गिरोह ने 250-300 अमेरिकन को अपना शिकार बनाया है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक क्राइम ब्रांच की टीम अब गिरोह से जुड़े अन्य सुराग भी तलाश कर रही है।