उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही 10 पार्टियों के साथ बने भागाीदारी संकल्प मोर्चा के बिखरने की खबरें चर्चा में हैं। असदुद्दीन ओवैसी के साथ 2022 में सरकार बनाने का दावा करने वाले सुहेल देव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उनसे दूरी बना ली है।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही 10 पार्टियों के साथ बने भागाीदारी संकल्प मोर्चा के बिखरने की खबरें चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के साथ 2022 में सरकार बनाने का दावा करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने उनसे दूरी बना ली है। ओम प्रकाश राजभर ने असदुद्दीन ओवैसी के साथ शुरू हो रही अपनी चुनावी यात्रा से खुद को अलग कर लिया। हालांकि उन्होंने इसका कारण अपनी निजी परेशानी को बताया है। कार्यक्रम से अचानक राजभर की दूरी अब इस गठबंधन की गांठ की मजबूती पर सवाल खड़े कर रही है।
हाल में मुरादाबाद सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश के पंचायतराज मंत्री भूपेंद्र सिंह और सुहेल देव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात ने सियासी हलचल मचा दी थी। इसे आगामी विधानसभा चुनाव के भाजपा के साथ सुलह समझौते से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि दोनों नेताओं ने इसका खंडन कर दिया। दोनों नेताओं ने इसे व्यक्तिगत मुलाकात बताया।
बताया जा रहा है कि मुरादाबाद सर्किट हाउस में दोनों नेताओं ने एक दूसरे से नमस्कार के बाद चाय आर्डर किया। दोनों नेता एक कमरे में बात करने लगे। यह बातचीत करीब आधा घंटे चली। इस बातचीत पर कई तरह की अटकलें लगने लगीं। कुछ ही देर में लखनऊ तक सत्ता के गलियारे में बात पहुंच गई। कुछ सियासी दलों ने इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सुलह समझौते से जोड़ा। राजभर को भाजपा के साथ दोबारा जुड़ने की अटलकों को भी पंख लग गए।
अब अचानक कई जिलों के कार्यक्रम से ओपी राजभर की दूरी अब असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन की गांठ की मजबूती पर सवाल खड़े कर रही है। कई लोग इसे भूपेंद्र सिंह और ओम प्रकाश राजभर की मुलाकात से भी जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल, 15 जुलाई से असदुद्दीन ओवैसी के साथ ओपी राजभर का चुनावी यात्रा का गाजियाबाद से आगाज होना था। जहां से दोनों ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर और संभल के पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के साथ ही मंच साझा करते हुए मुरादाबाद पहुंचते। वहां दोनों ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का साझा मंच वाला कार्यक्रम तय था, लेकिन राजभर ने ओवैसी के साथ शुरू हो रही अपनी चुनावी यात्रा से खुद को अलग कर लिया।