पैन कार्ड आईडी कार्ड के रूप में इस्तेमाल तो होता ही है साथ साथ वित्तीय लेनदेन के कार्यों में इसकी प्रमुखता से जरूरत होता है। अगर आप संगठित क्षेत्र में काम करते हैं तो सैलरी के लिए पैन कार्ड का होना जरूरी है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पैन कार्ड आईडी कार्ड के रूप में इस्तेमाल तो होता ही है, साथ साथ वित्तीय लेनदेन के कार्यों में इसकी प्रमुखता से जरूरत होता है। अगर आप संगठित क्षेत्र में काम करते हैं, तो सैलरी के लिए पैन कार्ड का होना जरूरी है। पैन कार्ड में परमानेंट अकाउंट नंबर होता है, इस नंबर में काफी जानकारियां होती हैं जो इनकम टैक्स विभाग के लिए जरूरी है। यह 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इनका मतलब क्या होता है? ये नंबर आपकी पूरी जन्म कुंडली तक बता सकते हैं, हम अपनी खबर में इसी बात का जिक्र करेंगे।
पैन कार्ड में दर्ज 10 नंबरों का क्या है मतलब?
पैन कार्ड नंबर के पहले तीन डिजिट अंग्रेजी लेटर होते हैं। जो AAA से ZZZ तक रहता है। यह तीनों डिजिट कौन से होंगे इसे आयकर विभाग तय करता है। पैन का चौथा अक्षर आयकरदाता के स्टेटस को दिखता है। पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का होता है।
क्या होता है मतलब
“P” किसी एक व्यक्ति के लिए
“C” कंपनी के लिए
“H” हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के लिए
“A” लोगों के समूह (AOP) के लिए
“B” व्यक्तियों के निकाय (BOI) के लिए
“G” सरकारी एजेंसी के लिए
“J” कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Juridical Person) के लिए
“L” स्थानीय निकायों के लिए
“F” फर्म/ लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) के लिए
“T” ट्रस्ट के लिए
पैन कार्ड का पांचवां अक्षर भी अंग्रेजी का होता है। यह धारक के सरनेम (जाति) के हिसाब से तय होता है।
इसके बाद पैन कार्ड में आपको 4 नंबर दिख जाएंगे। यह नंबर 0001 से लेकर 9999 तक, कोई भी हो सकते हैं। पैन कार्ड पर दर्ज ये नंबर उस सीरीज को बताते हैं, जो मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है। और अंत में आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है, यह कोई भी लेटर हो सकता है।