जी-20 सम्‍मेलन के बाद रोम में पोप फ्रांसिस से मिलेंगे पीएम मोदी, संबंधों की मजबूती पर होगा जोर,

पीएम मोदी जी-20 सम्‍मेलन के बाद रोम में पोप फ्रांसिस से मुलाकात कर सकते हैं। ये मुलाकात दोनों के बीच संबंधों को मजबूत करने के मकसद से होगी। पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर रोम और इटली जाने वाले हैं।

 

रोम (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोम, इटली की यात्रा पर पोप फ्रांसिस से मुलाकात कर सकते हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात करेंगे। अभी यह तय होना बाकी है कि यह एक से एक होगी या प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक होगी। आम तौर पर ऐसी बैठकों में कुछ प्रतिनिधिमंडल के सदस्य होते हैं।

माना जा रहा है कि रोम पहुंचने के दूसरे दिन उनकी ये मुलाकात हो सकती है। बता दें कि पीएम मोदी जी-20 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए यहां पर जाने वाले हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसको लेकर समय और तारीख की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी 30 अक्‍टूबर को कैथोलिक चर्च के प्रमुख से वेटिकन सिटी में मुलाकात कर सकते हैं। पीएम मोदी इस दौरान इटली के राष्‍ट्रपति से भी द्विपक्षीय मुद्दों पर मुलाकात करेंगे। ये मुलाकात काफी खास होने वाली है।

ख्‍त्रों के मुताबिक ये मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों और एक दूसरे के विश्‍वास को मजबूत करने के मकसद से होगी। बता दें कि वेटिकन सिटी का हैड क्‍वार्टर रोमन कैथोलिक चर्च है। पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर रोम जाने वाले हैं। यहां पर वो 16वें जी-20 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे। यहां र वो 30-31 तक रहेंगे। इटली में वो कोप 26 के वर्ल्‍ड लीडर समिट में हिस्‍सा लेंगे जो ग्‍लासगो में होगा। माना जा रहा है कि यहां पर अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी अफगानिस्‍तान के हालातों पर गौर करने के लिए सदस्‍यों को कहेंगे।

 

बता दें कि जी-20 एक ग्‍लोबल फोरम है जो विश्‍व की कुल जीडीपी में करीब 80 फीसद से अधिक का योगदान देता है। यहां पर विश्‍व की करीब 60 फीसद आबादी रहती है और ये विश्‍व के कुल व्‍यापार का करीब 75 फीसद करता है। इस बार इस सम्‍मेलन की थीम पिपुल, प्‍लानेट एंड प्रोसपेरिटी है। इस बार ये सम्‍मेलन इटली के राष्‍ट्रपति की अध्‍यक्षता में होने वाला है। इसमें जी-20 में शामिल देशों के प्रमुख हिस्‍सा लेंगे। इसके अलावा इसमें यूरोपीयन यूनियन और कुछ दूसरे देशों को हिस्‍सा लेने का न्‍योता भेजा गया है।

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