प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। जहां पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने उनका स्वागत किया।
वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को बड़ी सौगात देने के साथ पिंडरा के करखियांव में जनसभा को संबोधित किया। वाराणसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना समेत अन्य योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों से बात करने के बाद पीएम मोदी ने मंच संभाला।
वाराणसी को काशी संकुल यानी अमूल प्लांट समेत 2095.67 करोड़ की सौगात देने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह परिवारों को घरौनी का प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसमें तीनों तहसील यानी सदर, पिंडरा व राजातालाब के दो-दो परिवार शामिल है। इसके बाद प्रदेश के 20 लाख परिवारों को आनलाइन घरौनी (खतौनी)जारी की। इसमें 35 हजार परिवार वाराणसी जनपद के शामिल होंगे। लाभार्थियों के मोबाइल पर एसएमएस आएगा। लिंक को खोलने के बाद घरौनी का प्रमाण पत्र मोबाइल पर दिखने लगेगा। प्रधानमंत्री जनसभा स्थल से ही प्रदेश के 1.74 लाख दुग्ध उत्पादकों को 35.2 करोड़ का बोनस जारी किया। प्रधानमंत्री एक लाख 70 हजार दुग्ध उत्पादकों को 35.2 करोड़ रुपये बोनस का आनलाइन ट्रांसफर करने के साथ साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के लिए प्रमाणन चिह्न डेरी मार्क भी लांच करेंगे। पीएम ने वाराणसी में एशिया की सबसे बड़ी बनास डेयरी के अमूल प्लांट और रामनगर में देश के सबसे बड़े बायोगैस प्लांट का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं जब काशी के साथ उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है। यह तो वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ तथा मत-मजहब के चश्मे से ही देखा। इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की यह भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है। उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा। पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सिर्फ बच्चों का ही मुफ्त टीकाकरण नहीं कर रही, कोरोना का ही मुफ्त टीका नहीं लगवा रही बल्कि मवेशियों को भी टीके लगाए जा रहे हैं। इसका परिणाम दूध उत्पादन आज तीन गुना हो गया। दुनिया का 22 फीसद भारत में दूध उत्पादन हो रहा। यूपी देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य है ही डेयरी सेक्टर में भी बहुत आगे है। विश्वास है देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन किसानों की स्थिति बदलने में भूमिका निभा सकती है। डबल इंजन की हमारी सरकार किसानों, पशुपालकों का साथ दे रही है। आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया, वह सरकार व सहकार की भागीदारी का परिणाम है। बनास व पूर्वांचल के किसानों के बीच नई साझीदारी शुरू हुई है। इससे बनारस के साथ ही आासपास के जिलों के हजारों जिलों के किसानों को लाभ होगा। आसपास के गांवों में दूध समितियां व कलेक्शन सेंटर बनेंगे। दूध खराब होने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। दूध-दही, छाछ, मक्खन पनीर के अलावा आइसक्रीम व मिठाइयां भी बनेंगी। बनारस की लस्सी, छेने की एक से बढ़ कर एक मिठाइयां, लौंगलता का स्वाद और बढ जाएगा। वैसे अब तो मलइयो का भी मौसम आ गया है। एक प्रकार से बनास काशी संकुल बनारस के रस को और बढ़ा देगा। आमतौर पर दूध की गुणवत्ता को लेकर उलझन रही है। दूध खरीदें तो कौन सा सुरक्षित है, इसे लेकर मुश्किल रही है। डेयरी सेक्टर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसका समाधान भारतीय मानक ब्यूरो ने देश भर के लिए एकीकृत व्यवस्था जारी की है। प्रमाणन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला लोगो लांच किया गया है। यह दिखेगा तो पहचान पुख्ता होगी। आज देश की बड़ी जरूरत डेयरी अपशिष्ट के उपयोग का है। रामनगर डेयरी में बायोगैस प्लांट ऐसा ही प्रयास है। अपनी तरह की ऐसी परियोजना जो डेयरी प्लांट की समस्त बिजली जरूरतों को पूरा करेगा। यानी किसान दूध ही नहीं गोबर से भी आमदनी कर पाएंगे। आमतौर पर किसानों को गोबर की जितनी कीमत मिलती है, उससे अधिक मिलेगा। यहां बनने वाली खाद कम कीमत पर मिलेगी। इससे प्राकृतिक खेती व बेसहारा पशुओं को भी सहारा मिलेगा।
पहले प्राकृतिक खेती होती थी यानी बाहरी मिलावट न होती थी। खेत में खेत और पशुओं से मिलने वाले तत्व उपयोग किए जाते थे। समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया। केमिकल हावी होता गया। धऱती माता की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना होगा। एेसे में सरकार नेचुरल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार अभियान चला रही है। आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देशवासियों, खास कर किसान भाइयों से किसान दिवस पर आग्रह करेंगे कि प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ें। इसमें खर्च कम और उत्पादन अधिक होता है। इससे फसलों की कीमत भी ज्यादा मिलती है। यह कृषि सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ा कदम है। स्टार्ट अप के लिए, युवाओं के लिए इसमें बड़ी संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन इतिहास में विशेष है। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की सिंह की जन्म जयंती है। आदर पूर्वक श्रद्धांजलि। उनकी स्मृति में देश किसान दिवस मना रहा है। आज देश में गाय की बात करना, गोबर की बात करने को जैसे कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती हैं, हमारे लिए माता है, पूजनीय है। गाय का मजाक उड़ाने वाले भूल जाते हैं कि आठ करोड़ लोगों की जीविका इससे ही चलती है। भारत लगभग साढ़े आठ लाख करोड़ का दूध उत्पादन करता है। यह गेंहूं-चावल के उत्पादन कीमत से कहीं ज्यादा है। इसलिए भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारे सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों एक जमाना था जब हमारे गांवों के घर आंगन में ही मवेशियों के झुंड ही सम्पन्नता के प्रतीक थे। हर कोई इसे पशुधन कहता है। खूंटे को लेकर स्पर्द्धा रहती थी। शास्त्रों में कहा गया है कि गायें मेरे चारो ओर रहें और मैं गायों के बीच निवास करूं। यह सेक्टर हमारे यहां रोजगार की भी हमेशा से बहुत बड़ा माध्यम रहा है लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को समर्थन नहीं मिला। आज हमारी सरकार इस स्थिति को बदल रही है।
870.16 करोड़ की परियोजनाएं जिनका लोकार्पण
- 6.41 करोड़ की लागत से निर्मित 50 शैय्या युक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालय ग्राम भदरासी विकास खंड आराजीलाइन।
- स्मार्ट सिटी अंतर्गत 16.24 करोड़ की लागत से कालभैरव वार्ड का पुनर्विकास कार्य।
- 13.53 करोड़ की लागत से निर्मित राजमंदिर वार्ड का पुनर्विकास कार्य।
- 16.22 करोड़ की लागत से निर्मित दशाश्वमेध वार्ड का पुनर्विकास कार्य
- 12.65 करोड़ की लागत से हुए जंगमबाड़ी वार्ड का पुनर्विकास कार्य
- -7.90 करोड़ की लागत से गढ़वासी टोला का पुनर्विकास कार्य
- -स्मार्ट सिटी तहत 3.02 करोड़ की लागत से निर्मित नदेसर तालाब का विकास एवं सुंदरीकरण
- -1.38 करोड़ की लागत से सोनभद्र तालाब का विकास एवं सुंदरीकरण का कार्य
- -128 .04 करोड़ की लागत से शहर में 720 स्थल पर उन्नत सर्विलांस कैमरा लगाने का कार्य
- -90.42 करोड़ की लागत से निर्मित बेनियाबाग पार्क में भूमिगत पार्किंग व पार्क का विकास कार्य
- -स्मार्ट सिटी की ओर से 25 करोड़ की लागत से सड़क व चौराहों का सुधार कार्य
- -गंगा प्रदूषण नियंत्रण की ओर से 161.31 करोड़ की लागत से 50 एमएलडी क्षमता की एसटीपी रमना का निर्माण
- -पीडब्लयूडी की ओर से 130 करोड़ की लागत से बीएचयू में डाक्टर हास्टल, नर्स हास्टल व धर्मशाला का निर्माण
- -केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की ओर से 107.36 करोड़ की लागत से बीएचयू में अंतरविश्वविद्यालयी शिक्षक शिक्षा केंद्र का निर्माण
- -केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की ओर से 60.63 करोड़ की लागत से 80 आवासीय फ्लैट-पैकेज-1 तहत जोधपुर कालोनी में निर्माण
- -केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की ओर से 60.63 करोड़ की लागत से 80 आवासीय फ्लैट-पैकेज-2 तहत जोधपुर कालोनी बीएचयू में निर्मित कार्य
- -सीएंडडीएस की ओर से 2.75 करोड़ की लागत से राजकीय आइटीआइ करौंदी में 13 आवासों का निर्माण
- -राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड भदोही इकाई की ओर से 5.35 करोड़ की लागत से गुरु रविदास की जन्म स्थली सीरगोवर्धन के पर्यटन विकास फेज-1 के तहत सामुदायिक हाल व शौचालय का निर्माण
- -3.55 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान ईरी में स्पीड ब्रीडिंग फैसिलिटी का निर्माण
- -नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन की ओर से 7.10 करोड़ की लागत से केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षण संस्थान सारनाथ में शिक्षक प्रशिक्षण भवन का निर्माण
- लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड की ओर से 1.64 करोड़ की लागत से तहसील पिंडरा में दो मंजिला अधिवक्ता भवन का निर्माण
- केंद्रीय लोक निर्माण की ओर से 9.03 करोड़ की लागत से क्षेत्रीय निर्देश मानक प्रयोगशाला का निर्माण पिंडरा में।
1225. 51 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास
- प्रधानमंत्री 1225. 51 करोड़ की परियोजनाओं की नींव भी रखे। इसमें मुख्य रूप से 475 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले बनास काशी संकुल (अमूल प्लांट) -करखियांव
- 412.53 करोड़ की लागत से होने वाले मोहनसराय दीनदयाल चकिया मार्ग (लंबाई 11 किमी) के मध्य सर्विस लेन के साथ सिक्स लेन कार्य
- 269 .10 करोड की लागत से वाराणसी -भदोही-गोपीगंज मार्ग (एसएच-87) भी फोर लेन ( 8.6 किलोमीटर) मार्ग का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य
- 19 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड संयत्र, रामनगर बायो गैस पावर उत्पादन केंद्र
- 49.99 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले आयुष मिशन के तहत राजकीय होम्यापैथिक मेडिकल कालेज।