यूपी में शांति बिगाड़ने के लिए इंटरनेट मीडिया पर साजिश का जाल, हर पोस्ट पर पुलिस की नजर

यूपी विधानसभा चुनाव में माहौल बिगाड़ने के लिए शरारती तत्व पूरी तरह से सक्रिय हैं। हालांकि पुलिस ने भी अपनी निगरानी तेज कर दी है। शरारती तत्व फर्जी ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करके गलत खबरें दुष्प्रचारित करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

लखनऊ, .. घटना पाकिस्तान की थी, जहां वर्ष 2014 में एक युवती पर तेजाब फेंका गया था। शांति बिगाड़ने के लिए 19 जनवरी की रात लगभग 10 बजे पाकिस्तान की तस्वीर का इस्तेमाल कर एक भ्रामक ट्वीट किया गया। गोरखपुर में युवती से दरिंदगी की ऐसी खबर पर पुलिस सक्रिय हुई और लगभग दो घंटे बाद रात 11:50 बजे गोरखपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल से भ्रामक सूचना का खंडन किया गया। सीमा सिंह के नाम से बने ट्विटर हैंडल से भ्रामक पोस्ट को लेकर एफआइआर दर्ज कर जांच की जा रही है।

कुछ इसी तरह एक दिन पूर्व हुई टीईटी की परीक्षा के दौरान भी शरारती तत्वों ने पेपर स्थगित होने व पेपर लीक होने के ट्वीट कर माहौल बिगाड़ने की बड़ी साजिश रची। इसकी शुरुआत पहले एक फेसबुक पेज से हुई थी। पुलिस ने इस मामले में जल्द कार्रवाई करते हुए कुछ देर बाद हर झूठी खबरों का खंडन किया और गोंडा में एफआइआर दर्ज की गई। एक आरोपित शिवपाल सोनी को गिरफ्तार किया गया है और कई की भूमिका जांच के दायरे में हैं।

 

आपको भी सचेत रहने की जरूरत है। दरअसल, विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने के साथ ही इंटरनेट मीडिया के जरिये माहौल बिगाड़ने की साजिश भी शुरू हो गई है। इस बार चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दल प्रचार के लिए इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म का अधिक से अधिक प्रयोग करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में शरारतीतत्व भी इसी माध्यम के जरिये माहौल बिगाड़ने के लिए कुचक्र भी रच रहे हैं। ऐसे में आप किसी भी भ्रामक संदेश को दूसरों से साझा करने से पहले सोचें और पहले उसका सच जानने का प्रयास भी करें।

फर्जी सूचनाओं के मामले में डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल की पहल पर अब तक सात मुकदमे दर्ज कराये जा चुके हैं। गोरखपुर व गोंडा के अलावा भ्रामक व झूठी सूचनाएं वायरल करने के प्रयागराज, मथुरा, बरेली, शाहजहांपुर व अमरोहा में भी मुकदमे दर्ज कराये गये हैं। पुलिस भ्रामक वीडियो, तस्वीर व संदेशों पर नजर रखने के लिए कई तरह के की-वर्ड का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस प्रमुख घटनाओं के डेटाबेस से भी पहली उनकी मिलान कराती है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च का भी प्रयोग किया जाता है। कई एप के जरिए भी निगरानी के कदम बढ़ाये जा रहे हैं।

आचार संहिता के उल्लंघन के 100 मुकदमेंः इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म के जरिए भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें की जा रही हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिये पुलिस को आचार संहिता के उल्लंघन की अब तक 447 शिकायतें मिली हैं, जिनमें 267 मामलों में अभी जांच चल रही है। 100 मामलों में आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

चौबीस घंटे रखी जा रही नजरः इंटरनेट मीडिया की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। शांति-व्यवस्था बिगाडऩे के इरादे से इंटरनेट मीडिया के जरिए भ्रामक संदेश व वीडियो वायरल करने वालों से पूरी सख्ती से निपटने के निर्देश दिये गये हैं। विधानसभा चुनाव के ²ष्टिगत सतर्कता और बढ़ा दी गई है। -प्रशांत कुमार, एडीजी कानून-व्यवस्था

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *