बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने की घोषणा

पद्म भूषण से सम्मानित उद्योगपति राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि वो लंबे वक्त से कैंसर से पीड़ित थे।

 

नई दिल्ली,  पद्म भूषण से सम्मानित उद्योगपति राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। शनिवार दोपहर करीब 2बजकर 30मिनट पर उन्होंने पुणे के रूबी हाल क्लिनिक में अंतिम सांस ली। अस्पताल के चेयरमैन डा. परवेज ग्रांट के मुताबिक पिछले एक महीने से राहुल बजाज हृदय और फेफड़ों से संबंधित समस्याओं से पीड़ित थे और उनका इलाज जारी था।  उनके निधन की खबर आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश के तमाम राजनीतिज्ञों और उद्योगपतियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि राहुल बजाज का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि  

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया कि, “यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। विगत पांच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे। ॐ शांति”

सन 1938 में हुआ था जन्म

बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। बजाज और नेहरू परिवार में तीन पीढ़ियों से पारिवारिक दोस्‍ती चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे। राहुल बजाज अपनी बात को बेलाग तरीके से कहने के लिए जाने जाते थे।

बजाज ग्रुप को ऊचांइयों पर पहुंचाया

वर्ष 1965 में राहुल बजाज ने बजाज ग्रुप में पदभार ग्रहण किया था। उनके नेतृत्व में बजाज ग्रुप ने आसमान की ऊचाईयों को छुआ। कंपनी की टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक उन्होंने ने ही पहुंचाया। राहुल करीब 50 वर्षों तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे, साल 2005 में उन्होंने अपने बेटे राजीव को बजाज आटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाकर कंपनी की कमान सौंपी थी।

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