लखनऊ के आदर्श कारागार में सोमवार सुबह एक सजायाफ्ता कैदी ने फांसी लगा ली। यह कैदी पिछले 15 साल से जेल में सजा काट रहा था। पुलिस पंचनामा भरकर शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई में लग गई है।
लखनऊ । लखनऊ आदर्श कारागार में सोमवार को भोर में सज़ायाफ़्ता कैदी सुनील करौरी (40) का शव बैरक के बाहर खिडकी के सहारे लटकता हुआ मिला। उसके गले में गमछे का फंदा लगा था। कैदियों ने जब उसे देखा। तुरन्त जेलकर्मियों को सूचना दी। डॉक्टर ने देखा तो उसकी सांस थम चुकी थी। जेल प्रशासन ने गोसाईंगंज पुलिस को सूचना दे दी है। पुलिस पंचनामा भरकर शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई में लग गई है। अप्रैल 2006 में हुई एक हत्या की घटना में आजीवन कारावास की सजा पाया बंदी सुनील धमनाबुजुर्ग थाना सजेती कानपुर नगर का निवासी था।
11 जनवरी 2014 को बंदी सुनील केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ से स्थानांतरित होकर आदर्श कारागार लखनऊ आया था। सोमवार को सुबह करीब पौने छह बजे बंदियों की गणना में एक बंदी कम मिलने पर जेल में अफरातफरी मच गई। लापता बंदी की खोजबीन की गई तो वह प्रथम तल स्थित बैरक नंबर 2डी के पीछे पानी की पाइप में चद्दर बांधकर गले में फंदा लगाकर लटका हुआ पाया गया। डाक्टर को बुला कर परीक्षण कराया गया तो डाक्टकार ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बंदी के घर सूचना दी गई। बताया गया कि सुनील के साथ ही सहअभियुक्त राजवती नारी बंदी निकेतन में निरुद्ध थी। 14 वर्ष की सजा पूरी होने पर 28 जनवरी 2021 को वह रिहा हो चुकी है। मृतक के साथी बंदियों ़द्वारा जेल प्रशासन को बताया गया कि सायद सहअभियुक्ता के रिहा होने के बाद किसी अन्य व्यक्ति के साथ रहने के कारण बंदी सुनील तनाव में रहता था जिससे उसने आत्महत्या कर लिया।