मुलायम सिंह के समधी ने दी शिवपाल को भाजपा में शामिल होने की सलाह, पूर्व विधायक हरिओम यादव बोले- सपा समाप्त होने वाली पार्टी

शिवपाल सिंह यादव को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। सपा की बैठकों में न बुलाए जाने पर इन अटकलों को और हवा मिल रही है कि वे जल्द सपा से अपना रुख मोड़ कर भगवा खेमे में आ सकते हैं।

 

फिरोजाबाद,  उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधानसभा चुनाव के बाद कई रंग सामने नजर आए हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहां आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया। वहीं विधानसभा में वे नेता प्रतिपक्ष भी चुने गए हैं। समाजवादी पार्टी खेमे में शामिल हुए उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव का इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के साथ रंग जमता नजर आ रहा है।

हाल के दिनों में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। वहीं दूसरी ओर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के नेताओं को उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर फालो किया। ऐसे में कयास लगना शुरू हो गए। योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ये जरूर कहा कि अभी भाजपा में शिवपाल के लिए वैकेंसी नहीं है। लेकिन मुलायम सिंह के समधी और सैफई परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधायक हरिओम यादव का कुछ और ही कहना है। शिकोहाबाद में उन्होंने कहा है कि सैफई परिवार में दरार नजर आ रही है। शिवपाल सिंह को शामिल हो जाना चाहिए।

प्रेसवार्ता कर दिया बयान

रविवार को शिकोहाबाद में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी और पूर्व विधायक हरिओम यादव ने पूर्व मंत्री शिवपाल यादव को भाजपा में शामिल होने की सलाह दी है। प्रेसवार्ता में हरिओम यादव ने कहा कि सैफई परिवार में दरार साफ नजर आने लगी है।

जिन्होंने पार्टी खड़ी की, उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। शिवपाल यादव बड़े नेता है। उन्हें बार-बार अपमानित किया जा रहा है। विगत दिनों उन्हें विधायक दल की बैठक में भी नहीं बुलाया गया। इसलिए अब उन्हें सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सपा समाप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। कुछ लोग शकुनी की भूमिका निभा रहे हैं।

बैठक में नहीं बुलाए थे शिवपाल सिंह यादव

शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव ने इटावा के जसवंतनगर से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा था। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और बड़े वोट के अंतर से जीते। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने जब उनको विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया तो उनके तेवर तल्ख होने लगे। 28 मार्च को समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों की बैठक से किनारा करने वाले शिवपाल सिंह यादव ने 29 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के कमरे में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली और मीडिया को अपने अगले कदम का इंतजार करने को कहा।

अचानक बढ़ गया भाजपा से प्रेम

शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में शामिल होने या फिर भाजपा की मदद से राज्यसभा में जाने के कयास लग ही रहे थे कि उनका भाजपा नेताओं के प्रति अचानक बढ़ा प्रेम सामने आ ही गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच तल्खी लगातार बढ़ती गई।

अब तो शिवपाल के भारतीय जनता पार्टी में जाने को लेकर भी अटकलबाजियों के बीच में शिवपाल सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं को फालो किया। उन्होंने सोशल मीडिया ऐप कू पर सीएम योगी आदित्यनाथ व सीएम आफिस उत्तर प्रदेश को फालो किया तो ट्विटर पर पीएम मोदी और सीएम योगी को फॉलो किया है । इसके अलावा शिवपाल यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया है। पहले शिवपाल केवल पीएमओ और सीएमओ को ही फॉलो करते थे।

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