ब्राह्मण उपेक्षा का शिकार होते चला जा रहा है। इसका प्रमुख कारण ब्राह्मणों को असंगठित होनाऔर एक दूसरे के सहयोग के अभाव में यह दिन देखने को मिल रहा है । ब्राह्मण समाज जब तक समाज में अपनी एकजुटता का परिचय नहीं देगा तब तक इस अग्रणी समाज का उत्थान नहीं होने वाला है ।
पडरौना कुशीनगर, नगर के निकट सायरी माई स्थान बलुचहा के परिसर में ब्राह्मण समाज की एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई जिसमें ब्राह्मण समाज के एकजुटता पर बल दिया गया। ब्राह्मणों को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सहित सभी क्षेत्रों में बिछड़ते जाने पर चिंता व्यक्त किया गया । बैठक को संबोधित करते हुए अनिल कुमार पाण्डेय ने कहा कि ब्राह्मण समाज हर युग में समाज में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करते चला रहा था ।किंतु आज स्थिति बद से बदतर हो गयी है, जिसका परिणाम है कि ब्राह्मण उपेक्षा का शिकार होते चला जा रहा है। इसका प्रमुख कारण ब्राह्मणों को असंगठित होनाऔर एक दूसरे के सहयोग के अभाव में यह दिन देखने को मिल रहा है ।
ब्राह्मण समाज जब तक समाज में अपनी एकजुटता का परिचय नहीं देगा तब तक इस अग्रणी समाज का उत्थान नहीं होने वाला है । वक्ताओं ने कहा की विभिन्न क्षेत्रों में ब्राह्मण समाज के लोग आज भी अग्रणी भूमि का निर्वहन कर रहे हैं, परंतु समाज की बात आने पर अपने को सहयोग देने के बजाय दरकिनार कर लेते हैं ।ऐसी मानसिकताओं से अब समाज के लोगो को उबरने की जरूरत है। मुख्य अतिथि शैलेन्द्र दत्त शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि ब्राह्मणों के इतनी बड़ी आबादी वाले जिले में ब्राह्मण शिरोमणि परशुरामजी का कोई मूर्ति स्थापित नहीं होना बाह्मणो के असंगठित होने का परिचय है। उन्होंने संगठन को मजबूत करने का अपील किया। वक्ताओं में प्रमुख रूप से मुरारी पांडेय, अध्यक्ष उमाशंकर मिश्र, संदीप मिश्रा,डा उत्कर्ष पांडेय, अखिलानंद उपाध्याय,,बबलू पाठक,,संजय चौबे आदि ने संबोधित किया।