अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समझते हैं नौकरी जाने का असर सीधा परिवार पर पड़ता है : व्हाइट हाउस

एच-1बी वीजा वाले भारतीय आइटी पेशवरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अमेरिका में रहने के लिए जल्द से जल्द दूसरी नौकरी ढूंढ़नी परेशानी का सबब बन गई है। जीन-पियरे ने कहा नौकरियों से छंटनी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन लोगों की दिक्कतें समझते हैं।

 

वाशिंगटन,  वैश्विक आर्थिक चुनौती के बीच टेक कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी की है। इसमें अमेजन, माइक्रोसाफ्ट, फेसबुक व गूगल जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। छंटनी से प्रभावित होने वालों में भारतीय आइटी पेशेवरों की बड़ी संख्या है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह इस बात को समझते हैं कि नौकरी जाने से परिवार पर सीधा असर पहुंचता है। वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

एच-1बी वीजा वाले भारतीय आइटी पेशवरों की बढ़ी दिक्कतेंबीते साल की तरह टेक कंपनियों में छंटनी का दौर इस साल भी जारी है। इस छंटनी से एच-1बी वीजा वाले भारतीय आइटी पेशवरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उनके लिए अमेरिका में रहने के लिए जल्द से जल्द दूसरी नौकरी ढूंढ़नी परेशानी का सबब बन गई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने मंगलवार को नियमित प्रेसवार्ता में संवाददाताओं द्वारा नौकरियों से छंटनी को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन लोगों की दिक्कतें समझते हैं।

जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति आश्वस्त करना चाहते हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था हर वर्ग के लिए काम करती है, आप ऐसा देख चुके हैं। मालूम हो कि पिछले हफ्ते माइक्रोसाफ्ट ने 10 हजार नौकरियों की छंटनी की घोषणा की थी जो इसके कर्मचारियों का पांच प्रतिशत है। अमेजन भी 10 हजार लोगों की छंटनी कर चुकी है। वहीं फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है।

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