चीन में हालिया प्रकोप के दौरान सामने नहीं आया नया कोविड वैरिएंट- लैंसेट की रिपोर्ट

द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आया है। इसमें कहा गया कि ओमिक्रोन सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 साल 2022 के दौरान सबसे प्रमुख वैरिएंट्स थे।

 

बीजिंग, एजेंसी। दो ज्ञात ओमिक्रोन सब-वैरिएंट ही चीन में हालिया COVID-19 मामलों के बढ़ने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। यहां कोरोना का कोई भी नया वैरिएंट सामने नहीं आया है। यह जानकारी बीजिंग में कोरोना मामलों के एक अध्ययन के आधार पर द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित की गई है।

विश्लेषण से पता चलता है कि बीजिंग में ओमिक्रोन सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 साल 2022 के दौरान सबसे प्रमुख वैरिएंट्स थे। इनकी वजह से ही 14 नवंबर से 20 दिसंबर 2022 के बीच 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीय संक्रमण फैला था

7 दिसंबर को खत्म कर दी थी जीरो कोविड पॉलिसीशोधकर्ताओं ने कहा कि ये नतीजे बीजिंग की आबादी की विशेषताओं और अत्यधिक संक्रामक COVID-19 स्ट्रेन्स के प्रसार के कारण चीन में महामारी की झलक दिखाते हैं। बताते चलें कि चीन ने 7 दिसंबर 2022 को अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी को बड़े पैमाने पर खत्म करने की घोषणा की थी।

नए वैरिएंट्स उभरने की थी आशंकासख्त COVID-19 नियंत्रण नीतियों के तहत टारगेटेड लॉकडाउन, सामूहिक परीक्षण और लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा था। मगर, इसके खत्म होने के बाद से कोरोना के मामलों में इजाफा होने लगा था। इससे चिंता जताई जा रही थी कि कोविड के नए वैरिएंट उभर सकते हैं।

सैंपल का लेखक कर रहें हैं विश्लेषणCOVID-19 को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के तीन वर्षों में अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रोन जैसे वैरिएंट्स सामने आए हैं। इसकी वजह से दुनियाभर में कोरोना की कई लहरें पैदा हुईं। दिसंबर 2019 से अध्ययन करने वाले लेखकों ने नियमित रूप से बीजिंग से बाहर फैले और स्थानीय COVID-19 मामलों से श्वसन के नमूनों को जमा किया और औचक रूप से चुने गए नमूनों का विश्लेषण किया।

 

नमूनों की जांच में मिले मौजूदा ज्ञात COVID-19 स्ट्रेन्सअध्ययन में 14 नवंबर से 20 दिसंबर 2022 के बीच कुल 2,881 उच्च गुणवत्ता वाली सीक्वेंसिंग में से 413 नए नमूनों को औचक रूप से चुना गया था। यह वह समय था जब कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ना शुरू हुआ था। इनमें से 350 स्थानीय मामले थे और 63 देशों और क्षेत्रों से आए मरीजों के आयातित मामले थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि 413 नई सीक्वेंसिंग के विश्लेषण से पता चला है कि वे सभी मौजूदा ज्ञात COVID-19 स्ट्रेन्स से संबंधित हैं। यानी सीधी भाषा में कहें, तो कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं मिला है।

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