भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने काउ हग डे मनाने को लेकर अपना फैसला लिया वापस, चल रहा था विवाद

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) मनाने की अपील को शुक्रवार को वापस ली। बोर्ड द्वारा काउ हग डे मनाने की अपील के बाद इस फैसले के पक्ष और विपक्ष में कई प्रकार के तर्क पक्ष और विपक्ष में चल रहे थे।

 

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) मनाने की अपील को शुक्रवार को वापस ली। समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है। बोर्ड द्वारा काउ हग डे मनाने की अपील के बाद इस फैसले के पक्ष और विपक्ष में कई प्रकार के तर्क पक्ष और विपक्ष में चल रहे थे। इस मामले पर लगातार हो रहे विवाद के बाद मंत्रालय ने अपने अपील को वापस लेने का फैसला किया है। मालूम हो कि इससे पहले भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने वैदिक परंपरा को बढ़ावा देने के लिए 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ मनाने का आग्रह किया था।

बोर्ड के सचिव एस के दत्ता ने एक बयान में कहा, “सक्षम प्राधिकारी और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी, 2023 को काउ हग डे मनाने की अपील वापस ली जाती है।”

गिरिराज सिंह ने फैसले का किया था समर्थनबोर्ड ने इस मामले पर कहा था कि पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है। हालांकि इस फैसले का ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थन किया है। उन्होंने इसका समर्थन करते हुए कहा कि देशभर में 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी को गाय से प्यार करना चहिए।

काउ हग डे को बताया अच्चा फैसलामालूम हो कि केंद्रीय मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ का फैसला काफी अच्छा है। उन्होंने कहा, “गायों को गले लगाया जाना चाहिए। मैं पुरुषोत्तम रूपाला जी के मंत्रालय के फैसले का स्वागत करता हूं। हम सभी को गाय से प्यार करना चाहिए और उसे गले लगाना चाहिए।”

साध्वी निरंजना ज्योति ने भी फैसले का किया स्वागतकेंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। उन्होंने आगे कहा, ‘गाय को हमारी माता माना जाता है और हमें उनका आलिंगन करना चाहिए।’

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