उमेश पाल हत्याकांड में शामिल 12 लोगों में से एक को पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। एसटीएफ और पुलिस की टीमें बचे हुए अपराधियों को दबोचने के लिए जुटी हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि इस हत्याकांड में शामिल एक भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रयागाराज, एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक अपराधी अरबाज के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद प्रेस वार्ता में कहा कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। शूटर और साजिशकर्ता ही नहीं, उन्हें शरण और संरक्षण देने वाले लोगों पर भी धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश का केस लिखकर गिरफ्तारी की जाएगी। ऐसा लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है।
एडीजी ने कहा कि यूपी पुलिस अपील करती है कि अगर कोई गलत व्यक्ति आपसे शरण या संरक्षण मांगता है तो आप इसकी सूचना पुलिस को दीजिए, आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा। डीजीपी की ओर से प्रयागराज पुलिस के अधिकारियों से कहा गया है कि सभी अपराधियों पर तेजी से एक्शन लिया जाए, इनाम रखा जाए, कोई व्यक्ति सूचना देता है तो इनाम की राशि उसे दी जाएगी।
उमेश पाल अपहरण केस में आज होगी सुनवाईजिस मुकदमे की पैरवी कर लौटते वक्त उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी, उस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय में मंगलवार को होगी।
विशेष न्यायालय के विशेष न्यायाधीश डा. दिनेश चंद्र शुक्ल मामले की सुनवाई कर रहे है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने बताया कि सोमवार को सुनवाई के लिए तिथि नियत थी।
अधिवक्ताओं के हड़ताल पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि 28 फरवरी को सुनवाई के लिए दो बजे पेश करें। मुकदमा अंतिम बहस पर है।
बहस पूरी होने के बाद फैसले की तिथि नियत की जाएगी। उच्च न्यायालय ने मुकदमे में 16 मार्च के पहले फैसला देने का आदेश दे रखा है।
इस मुकदमे में उमेश पाल ने अतीक और अशरफ समेत अन्य के खिलाफ उन्हें अगवा कर राजू पाल हत्याकांड में गवाही बदलने के लिए धमकाने का आरोप लगाया था।