म्यांमार सेना ने विद्रोही समूह के एक कार्यक्रम पर किया हमला, कम से कम 30 की मौत

म्यांमार के मध्य क्षेत्र में कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है। म्यांमार की सेना ने एक फरवरी 2021 को आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार से सत्ता हथिया ली थी।

 

बर्मा, एजेंसी।  म्यांमार के मध्य क्षेत्र में कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है। बता दें कि सैन्य शासन के विरोध में आंदोलनकारियों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिस पर म्यांमार की सेना ने हमला कर दिया। इस विद्रोह में 30 लोगों की मौत हुई है।

आम नागिरकों की मौत

सागैंग क्षेत्र के निवासियों का हवाला देते हुए, बीबीसी बर्मीज, रेडियो फ्री एशिया (RFA), और इरावदी समाचार पोर्टल ने बताया कि हमले में नागरिकों सहित 50 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि,समाचार एजेंसी रायटर्स की इस मामले में अब तक सत्तारूढ़ सेना के प्रवक्ता से बातचीत नहीं हो पाई है। इससे पहले 14 मार्च को म्यांमार सेना ने एक बौद्ध मठ पर हमला कर 28 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। एक विद्रोही संगठन कारेन्नी नेशनलिस्ट डिफेंस फोर्स (केएनडीएफ) ने यह दावा किया था।
म्यांमार में सैन्य शासनम्यांमार की सेना ने एक फरवरी, 2021 को आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार से सत्ता हथिया ली थी। इसके बाद उन्हें और उनकी सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए और लगभग 2 हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो गई। इस सैन्य कार्रवाई ने देश के अधिकांश हिस्सों में लोगों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया।

 

UN प्रमुख ने लोकतंत्र को लेकर उठाई आवाजदो साल पहले म्यांमार में सेना ने सरकार पर कब्जा कर लिया था। इसी को लेकर अब संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के लिए अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने म्यांमार के सेनाओं को चेतावनी दी है कि नागरिकों और राजनीतिक नेताओं पर कार्रवाई से सेना के नियोजित चुनाव देश में अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव म्यांमार में सभी प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं,क्योंकि इससे देश के हालात बिगड़ रहे हैं और ये गंभीर क्षेत्रीय प्रभाव को भी बढ़ावा दे रहा है।

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