पीलीभीत में 12 घंटे बाद ; ऐसे पकड़ी गई बाघिन

पीलीभीत के गांव अटकौना में घुसी बाघिन को 11 घंटे बाद पकड़ लिया गया। सोमवार रात ये बाघिन किसान के घर में घुस गया था। फिर दीवार पर चढ़कर टहलती रही। वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया।

 

पीलीभीत जिले की कलीनगर तहसील क्षेत्र के अटकोना गांव में सोमवार रात करीब एक बजे किसान सुखविंदर सिंह के घर में बाघिन घुस आने दहशत फैल गई। बाघिन के गांव में घुस आने का पता चलते ही पूरे गांव में अफरातफरी मची रही। बाघिन किसान के घर के बाहर एक दीवार पर ही 11 घंटे तक रही। उसकी दहाड़ से ग्रामीणों की नींद उड़ गई। गनीमत रही कि बाघिन ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। वह कभी जम्हाई लेती तो कभी दीवार पर टहलने लगती। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे उसे ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ा जा सका। अटकोना गांव के सुखविंदर सिंह सोमवार की रात को परिवार के साथ घर में सो रहे थे।

 

रात करीब एक बजे सुखविंदर की मां बलवीर कौर की आंख खुली तो निगाह आंगन में घूम रही बाघिन पर पड़ी। उन्होंने पास में सो रहे पौत्र सुखप्रीत को जगाया। सुखप्रीत ने बाघिन को देखा इसके बाद पूरा परिवार जाग गया और खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। फोन से आसपास के लोगों को सूचित किया।

गांव में फैली रही दहशत 
आसपास के लोगों ने अपने घरों की छतों से देखा तो बाघिन सुखविंदर के घर के बाहर दीवार पर बैठी हुई नजर आई। बाघिन के गांव में घुस आने की भनक लगते ही पूरे गांव में दहशत फैल गई। पुलिस व वन विभाग को सूचना दी गई। तीन घंटे बाद करीब पांच बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दीवार के आस पासजाल लगाया। सुबह होते ही लोगों की भीड़ जुट गई।

भीड़ को काबू करने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी। वन अधिकारियों व रेस्क्यू टीम के पहुंचने के बाद करीब 11 बजे शुरू किया गया। रेस्क्यू टीम के प्रभारी डॉ दक्ष गंगवार ने तीन डॉट चलाईं। इनमें दो बाघिन के शरीर पर जाकर लगीं, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया गया। बाघिन को माला गेस्ट हाउस ले जाया गया है। बाघिन की उम्र ढाई से तीन साल बताई जा रही है। उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। उधर, 11 घंटे बाद बाघिन के पकड़ने जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

बाघिन ने छह गांवों में फैला रखी थी दहशत 

पकड़ी गई बाघिन ने दो माह से छह गांवों में दहशत फैला रखी थी। सोमवार शाम जमुनिया गांव की सीमा में बाघिन की मौजूदगी देखी गई थी। वन विभाग के अफसरों का भी कहना है कि पकड़ी गई बाघिन ही पिछले दो माह से आबादी के आस पास वाले इलाके में घूम रही थी। कलीनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दो माह से बाघिन की चहलकदमी देखी जा रही थी। पिपरिया संतोष गांव सीमा से लेकर जमुनिया, बासखेड़ा, वीरखेड़ा, चांदूपुर गांव के आसपास बाघिन घूम रही थी। दो माह में चार-पांच पशुओं का शिकार कर चुकी है यह बाघिन।

बाघिन के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। दहशत के चलते शाम होते ही लोग घरों से बाहर निकलने में घबरा रहे थे। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह वहीं बाघिन है जो पिछले दो माह से क्षेत्र में घूम रही थी।

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