विदेशी मुद्रा का संग्रह नहीं कर रहा भारत, केंद्रीय बैंक की जुड़ी गतिविधियां संतुलितः कॉमर्स सेक्रेटरी

भारत ने अमेरिका के वित्त विभाग द्वारा मुद्रा व्यवहार में छेड़छाड़ करने वालों की निगरानी सूची में डालने के आधार को खारिज कर दिया। वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में केंद्रीय बैंक की गतिविधियां संतुलित हैं।

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत ने अमेरिका के वित्त विभाग द्वारा मुद्रा व्यवहार में छेड़छाड़ करने वालों की निगरानी सूची में डालने के आधार को खारिज कर दिया। वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में केंद्रीय बैंक की गतिविधियां संतुलित हैं और यह विदेशी मुद्रा भंडार का संग्रह नहीं कर रहा है। महामारी की शुरुआत के बाद से अमेरिका ने भारत को दूसरी बार इस निगरानी सूची में डाला है। केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की खरीद जीडीपी के पांच फीसद से अधिक रहने को इसकी वजह बताया गया है। अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा है कि यह सीमा दो फीसद रहनी चाहिए।

वधावन ने बताया कि इस तरह की निगरानी सूचियां हाल में बननी शुरू हुई हैं। यह केंद्रीय बैंक के नीतिगत क्षेत्र में हस्तक्षेप है। व्यक्तिगत रूप से मुझे इसके पीछे का आर्थिक तर्क समझ नहीं आता है। भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 500 से 600 अरब डॉलर के बीच स्थिर है। भारत चीन की तरह विदेशी मुद्रा का संग्रह नहीं कर रहा है।

वधावन ने कहा कि देश के केंद्रीय बैंक का पूरी तरह वैध परिचालन है। केंद्रीय बैंक का मुख्य काम ही मुद्रा को स्थिरता प्रदान करना है। इसी वजह से केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा खरीदता और बेचता है। हमारा कुल विदेशी मुद्रा भंडार काफी स्थिर है।

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