कांग्रेस में अंतर्कलह खत्म करने का प्रयास, सोनिया गांधी से मिलेंगे अमरिंदर सिंह,

पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को खत्म करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था। सिद्धू ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था।

 

नई दिल्ली, एजेंसियां। पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को खत्म करने की कोशिशों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले 22 जून को, अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एआईसीसी पैनल से मुलाकात की थी, लेकिन वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिले बिना ही चंडीगढ़ लौट गए थे।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 2015 में सिख ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच पूरी करने में कथित देरी जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री तके सामने मोर्चा खोल दिया है। अप्रैल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच को रद्द किए जाने के बाद से ही सिद्धू ने अमरिंदर सिंह की आलोचना  शुरू कर दी। वहीं, सीएम अमरिंदर ने उनकी नाराजगी को ‘पूर्ण अनुशासनहीनता’ बताया है।

केंद्रीय नेतृत्व अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में जारी गुटबाजी को खत्म करने का रास्ता तलाश रही है। इसके लिए सोनिया गांधी ने एक पैनल का गठन किया था, जिसने अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू सहित पार्टी के विधायकों के साथ बातचीत की थी। सिद्धू ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। पंजाब कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राष्ट्रीय राजधानी में चार दिनों तक राहुल गांधी के साथ बैठकें की थीं।

एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। हाल ही में सिद्धू की राहुल और प्रियंका के साथ बैठक के बाद पार्टी नेता हरीश रावत ने उम्मीद जताई थी कि पार्टी की पंजाब इकाई से संबंधित मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से एक है जहां पार्टी अभी भी सत्ता में है।

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