श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने दिया भरोसा… दो से तीन साल में काम होगा पूरा

महासचिव ने बताया कि मंदिर का फाउंडेशन तैयार करने में दिक्कत है। रामजन्मभूमि स्थल की नींव खोदाई में नीचे बालू ही बालू निकल आई है। मजबूती के लिए डस्ट राख और सीमेंट से प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। एक फीट लेयर जमाने में एक दिन लग रहा है

 

कानपुर,  वर्षों के विवाद के पटाक्षेप के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर हर कोई जल्द से जल्द देखना चाहता है। गुरुवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से यहां के महंतों ने यह इच्छा जताई तो उन्होंने आश्वस्त किया कि दो से तीन साल में काम पूरा हो जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रांत प्रचारकों की बैठक में शामिल होने चित्रकूट आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय गुरुवार को महंतों से मिले। रामायणकुटी में हुई बैठक में दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्यजीवन दास ने उनसे कहा कि देर हुई तो तमाम बुजुर्गों का जन्मभूमि में राममंदिर देखने का सपना अधूरा रह जाएगा। महासचिव ने बताया कि मंदिर का फाउंडेशन तैयार करने में दिक्कत है। रामजन्मभूमि स्थल की नींव खोदाई में नीचे बालू ही बालू निकल आई है। मजबूती के लिए डस्ट, राख और सीमेंट से प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। एक फीट लेयर जमाने में एक दिन लग रहा है। अभी धरातल तक काम हो पाया है। मंदिर की डिजाइन के अनुसार निर्माण में दो से तीन साल लग जाएंगे।

84 कोसी परिक्रमा में जुड़े रामपथ गमन मार्ग : संतों ने महासचिव से चित्रकूट का विकास अयोध्या की तर्ज पर कराने बात रखी। कहा, रामवनगमन पथ को चित्रकूट की चौरासी कोसी परिक्रमा से जोड़ा जाए। इसमें भगवान राम से जुड़े स्थल हैं। इनकी हर साल संत परिक्रमा करते हैं। रास्ता सुगम होने से पर्यटक भी जाने लगेंगे। बैठक में रामायणी कुटी के महंत रामहृदयदास, जानकी महल के महंत सीताशरण, संतोषी अखाड़ा के महंत रामजी दास, कामदगिरि प्रमुख द्वार के अधिकारी संत मदनगोपाल दास, पंजाबी भगवान आश्रम के नागा रामकुमार, बड़े मठ के महंत माधवदास मौजूद रहे।

कामतानाथ के किए दर्शन: लिखा- नए दायित्व के साथ दर्शन सौभाग्य ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने गुरुवार को भगवान कामतानाथ के दरबार में मत्था टेका। पूजा-अर्चना व आरती की। यहां विजिटर रजिस्टर में लिखा कि ‘भगवान राम यहां रहे हैं, यह निवास स्थान है। मुझे यहां दर्शन करने का सौैभाग्य प्राप्त हुआ, नए दायित्व के साथ।Ó फिर संत निवास पहुंचे। वहां संत मदनगोपाल दास के साथ करीब तीन घंटे गुफ्तगू की। चित्रकूट के विकास, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमा के बंधन पर चर्चा हुई। उन्होंने भरोसा दिया कि प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी से बात करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *