न्यू साउथ वेल्स की राजधानी सिडनी में कोरोना संक्रमण के काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे थे जिसे देखते हुए यहां शनिवार से पाबंदियां सख्त कर दी गई थीं। हालांकि ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के दौ सबसे बड़े राज्यों में नए मामलों में थोड़ी कमी आई है।
मेलबर्न, एजेंसियां। दुनियाभर के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफे के बाद पाबंदियां लगा दी गई हैं। पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में भी संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई थी। हालांकि ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के दो सबसे बड़े राज्यों में संक्रमण में मामूली गिरावट देखी गई है। न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया में एक दिन पहले के मुकाबले कम मामले सामने आए हैं।
बता दें कि न्यू साउथ वेल्स की राजधानी सिडनी में कोरोना संक्रमण के काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे थे, जिसे देखते हुए यहां शनिवार से पाबंदियां सख्त कर दी गई थीं। आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में अब तक का सबसे बड़ा लाकडाउन लगाया गया है जो 26 जून से 30 जुलाई तक के लिए निर्धारित किया गया है। जिसके तहत सिडनी शहर के निर्माण स्थलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
ब्रिटेन में सामने आए संक्रमण के 54 हजार से ज्यादा नए मामले
शनिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में 24 घंटों में संक्रमण के 54,674 नए मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद देश में संक्रमण की कुल संख्या 5,386,340 हो गई है। देश में संक्रमण से 41 लोगों की मौत भी दर्ज की गई हैं जिसके बाद मौतों की कुल संख्या अब 128,683 हो गई है। वहीं, ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने शनिवार को अपना कोविड-19 टेस्ट करवाया है जिसकी रिपोर्ट पाजटिव आई है।
बांग्लादेश में कोरोना के कारण एक दिन में 204 लोगों की मौत
बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के मुताबिक, शनिवार को देश में कोरोना संक्रमण के 8,489 नए मामले और 204 मौतें दर्ज की गई हैं। जिसके बाद संक्रमण का कुल आंकड़ा बढ़कर 10,92,411 हो गया है और मरने वालों की संख्या 17,669 हो गई है। डीजीएचएस ने कहा कि शनिवार को देश में 8,820 लोग संक्रमण से ठीक हुए हैं जिसके बाद कुल आंकड़ा 923,163 हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश में कोविड-19 की मृत्यु दर अब 1.62 फीसद है और वर्तमान में ठीक होने की दर 84.51 फीसद है। बांग्लादेश में 12 जुलाई को सबसे ज्यादा 13,768 दैनिक मामले दर्ज किए गए थे और 11 जुलाई को सबसे ज्यादा 230 मौतें हुई थीं।